देवों के कामसेवन का प्रकार बतलाते हैं-
कायप्रवीचारा आ ऐशानात्॥७॥
अर्थ - मैथुन सेवन का नाम प्रवीचार है। भवनवासी, व्यन्तर, ज्योतिष्क देव और सौधर्म तथा ऐशान स्वर्ग के देव अपनी-अपनी देवांगनाओं के साथ मनुष्य की तरह शरीर से मैथुन सेवन करते हैं।
English - The Residential, the Peripatetic and the Stellar devas and those in the Saudharma and the Aishan (the first two Heaven) have body sex like humans and animals.