नारकियों की उत्कृष्ट आयु तो कह चुके किन्तु जघन्य आयु नहीं कही। अतः नारकियों का प्रकरण नहीं होने पर भी थोड़े में कहने के अभिप्राय से उनकी जघन्य आयु यहाँ कहते हैं-
नारकाणां च द्वितीयादिषु ॥३५॥
अर्थ - दूसरी आदि पृथ्वियों में भी जो ऊपर-ऊपर उत्कृष्ट आयु है, वही उससे नीचे की पृथ्वियों की जघन्य आयु है। अर्थात् रत्नप्रभा में एक सागर की उत्कृष्ट आयु है, यही शर्कराप्रभा में जघन्य आयु है। शर्कराप्रभा में जो तीन सागर की उत्कृष्ट आयु है, वही बालुकाप्रभा में जघन्य आयु है। इस तरह सातवें नरक तक जानना चाहिए।
English - From the second infernal region onwards the minimum lifespan of infernal beings in a region is the same as the maximum lifespan in the previous infernal region.