भरतः षड्विंशतिपञ्चयोजनशतविस्तारः
षट्चैकोनविंशतिभागा योजनस्य ॥२४॥
अर्थ - भरतक्षेत्र का विस्तार पाँच सौ छब्बीस योजन और एक योजन के उन्नीस भागों में से छह भाग प्रमाण है। यह विस्तार दक्षिण से उत्तर तक है।
English - Bharata is 526 6/19 yojans in width.