आगे इन पर्वतों का और भी विशेष वर्णन करते हैं-
मणिविचित्रपार्श्वा उपरि मूले च तुल्यविस्ताराः ॥१३॥
अर्थ- इन पर्वतों के पार्श्वभाग (पखवाड़े), अनेक प्रकार की मणियों से खचित हैं और मूल, मध्य तथा ऊपर इनका विस्तार समान है। अर्थात् मूल से लेकर ऊपर तक एक-सा विस्तार है।
English - Those mountains are of equal width at the foot, in the middle and at the top, and their sides are studded with various jewels.