इस तरह चौदह सूत्रों के द्वारा पाँच शरीरों का कथन करके अब सूत्रकार लिंग का कथन करते हैं-
नारकसम्मूर्च्छिनो नपुंसकानि॥५०॥
अर्थ - नारकी और सम्मूर्छन जीव नपुंसक लिंग वाले ही होते हैं।
English - The infernal beings and the spontaneously generated are of the neuter sex.