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सोशल मीडिया / गुरु प्रभावना धर्म प्रभावना कार्यकर्ताओं से विशेष निवेदन ×
नंदीश्वर भक्ति प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • अध्याय 2 : सूत्र 19

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    Vidyasagar.Guru

    इन्द्रियों के नाम निम्न प्रकार हैं

     

    स्पर्शन-रसन-घ्राण-चक्षुःश्रोत्राणि ॥१९॥

     

     

    अर्थ - स्पर्शन, रसन, घ्राण, चक्षु और श्रोत्र - ये पाँच इन्द्रियों के नाम हैं।

     

    English - Touch, taste, smell, sight, and hearing are the five senses. Here the sense refers to the body organ e.g. eyes for the sight.

     

     

    विशेषार्थ - वीर्यान्तराय और मतिज्ञानावरण कर्म का क्षयोपशम होने से तथा अंगोपांग नामकर्म का उदय होने से आत्मा जिसके द्वारा पदार्थ को छूकर जानता है, उसे स्पर्शन इन्द्रिय कहते हैं। जिसके द्वारा आत्मा रस को ग्रहण करता है, उसे रसना इन्द्रिय कहते हैं। जिसके द्वारा गन्ध को ग्रहण करता है, उसे घ्राण इन्द्रिय कहते हैं। जिसके द्वारा देखता है, उसे चक्षु इन्द्रिय कहते हैं और जिसके द्वारा सुनता है, उसे श्रोत्र इन्द्रिय कहते हैं।


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