अब संसारी जीव के भेद कहते हैं-
समनस्कामनस्काः ॥११॥
अर्थ - संसारी जीव दो प्रकार के होते हैं - मन सहित और मन रहित।
English - The two kinds of transmigrating souls are with and without minds.
मन सहित जीवों को संज्ञी कहते हैं। संज्ञी जीव शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं, बुलाने पर आ जाते हैं और इशारे वगैरह को समझ लेते हैं। मन रहित जीवों को असंज्ञी कहते हैं। असंज्ञी जीव शिक्षा, उपदेश वगैरह ग्रहण नहीं कर सकते । इसी से अमनस्क को सूत्र में पीछे रक्खा और समनस्क को पहले रक्खा है।