अकाल में बादलों की बहुलता देख धरती का दिल भी दहल उठा, ऊपर वालों से नीचे वालों को क्या मिला ? असंयमी संयमी को क्या दे सकता है ? जलधि की अज्ञानता, जड़ बुद्धि का परिचय। धरती की सहनशीलता, चन्द्रमा द्वारा घूस ले सागर का पक्ष धरना, भानु की पृथ्वी के प्रति निष्ठा, सीप का निर्माण, धरती का हाथ, जल का छल स्वभाव, सागर में विष का भण्डार क्यों ? धरती की उदारता, वंशमुक्ता, गजमुक्ता, सूकरमुक्ता, नागमुक्ता आदि का निर्माण, लेखनी द्वारा धन गृद्धि को धिक्कारना।
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57. बहुलता : बादल की
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