जो अज्ञान अन्धकार को दूरकर, जीवन में अवगम यानी ज्ञान का प्रकाश लाती है, अबला कहलाती है अथवा जो पुरुष के मन को भूत यानी अतीत की चिन्ता, भविष्य की आशाओं से हटाकर अब यानी वर्तमान में लाती है, अबला कहलाती है।
"बला यानी समस्या संकट है
न बला......सो अबला
समस्या-शून्य-समाधान !" (पृ. 203)
जो संकट, समस्या नहीं है किन्तु दुनिया की अनेक समस्याओं का समाधान/हल है। जिसके अभाव में बलवान पुरुष भी निर्बल बन जाता है, समस्या समूह बन जाता है वह अबला कहलाती है।
‘कु’ यानी पृथ्वी, माँ यानी लक्ष्मी और ‘री' यानी देने वाली, भाव यह हुआ, जब तक इस पृथ्वी पर 'कुमारी' रहेगी तभी तक यह धरा धनसंपत्ति से सम्पन्न रहेगी इसलिए सन्तों ने लौकिक सभी मंगलों में कन्या को प्रथम मंगल माना है।