छने जल को शिल्पी, छनी माटी में मिलाता है, जल को नया जीवन मिला और शीतकाल के मौसम की बात-हिमपात के साथ शीतलहर चल रही है। शिल्पी की रात सूती चादर में कटती देख माटी का निवेदन शिल्पी से-तन पर कम्बल तो ले लें। शिल्पी का जवाब -कम बल वाले ही कम्बल लेते हैं। पुरुष और प्रकृति की बात। काय, काय-रता और कायरता के विलीन की चर्चा।
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