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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
विगत 5 दिनों से पूज्य श्री की स्नेहिल छाँव में था. अपने गृह नगर में, उनकी मृदुल मुस्कान, पावन कर से तृप्ति दायी आशीष, उनसे वार्ता का सौभाग्य व उनके पाद पंकज के प्रक्षालन का परम सुख साथ ही उनको पड्गहन का सौभाग्य इनता सब हुआ विगत दिनों में. अहार चर्या के समय उनका मृदु मुस्कान से निहारना ऎसा लगता है कि बस उनके पाद पंकज, अपने चौके के सामने बनी रंगोली को पावन कर देंगे, पर पलक झपकते ही वे आगे दिखाई देते हैं. हम अनुमान लगाते रह जाते हैं, शायद आज संकल्प कुछ और ही होगा. विशाल जानमेडनी उनकी भक्ति सरिता मे आलोढन हेतु तत्पर हर पल, पर सौभाग्य शाली होते हैं वे, जो कृपा कोर से अपलावित हो अनंत सुख सागर में शीतलता पाते हैं. सब कुछ मिलाकर सुखद रहे ये दिन.
Submitted 29-11-2018 in आपकी समीक्षा
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