अरे ! मन तू रमना चाहता है श्रमण में रम चरम चमन में रम सदा-सदा के लिए परम नमन में रम चरम में चरम सुख कहाँ ? इसलिए अब स्वप्न में भी भूलकर नरम-नरम में न ..... रम! न ..... रम!