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सोशल मीडिया / गुरु प्रभावना धर्म प्रभावना कार्यकर्ताओं से विशेष निवेदन ×
नंदीश्वर भक्ति प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • मेरा वतन

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    यह जो तन है

    मेरा वतन नहीं है

    तन का पतन

    मेरा पतन नहीं है

    प्रकृति का आयतन है,

    जन-मन-हारक नर्तन

    परिवर्तन .....वर्तन

    अचेतन है

     

    फिर, इसका क्यों हो

    गीत...गान...कीर्तन ?

    इसका तनातन

    स्थायी बनाने का

    और यतन  

    सब का स्वभाव-शील है

    कभी उत्थान, कभी पतन

    मैं प्रकृति से चेतन हूँ

    प्रकाश-पुंज रतन हूँ

    सनातन हो नित-नूतन

    ज्ञान - गुण का केतन मेरा वतन है

    वेदन - संवेदन अनन्त वेतन है

    इसलिए मैं

    बे-तन हूँ |


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