मानस का कूल है
समता का प्रकाश
अन्तिम विकास
तामसता का विलास
अन्तिम ......हास...!
परस्पर प्रतिकूल
दो तत्त्व
एक बिन्दु पर स्थित हैं
दोनों
शुभ्र! बाहर से
क्षीर-नीर-विवेक
धीर ..... गम्भीर... एक टेक
जीवन लक्ष्य की ओर
बढ़ रहा है इनका
एक का तत्त्व-चिन्तन के साथ
और एक का
विषय-चिन्ता के साथ
एक साधु है
एक स्वादु...