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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • आस अबुझ

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    एक हाथ में दीया है

    एक हाथ की ओट दिया

    हवा से बुझ न पाये,

    अपना श्वाँस भी

    बाधक बना है आज,

    टिम टिमाता जीवित है

    जीवन - खेल

    स्वल्प बचा है

    दीया में तेल  

    तेल से बाती का सम्बन्ध भी

    लगभग टूट चुका है,

     

    जलती-जलती

    बाती के मुख पर

    जम चुका है

    कालुष कालिख मैल,

    श्वास क्षीण है

    दास दीन है

    किन्तु आस अबुझ

    नित-नवीन

    प्रभु-दर्शन की

    कब हो मेल

    कब हो मेल...?


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