ज्ञान ही दुःख का ......मूल है, ज्ञान ही भव का ....कूल है। राग सहित सो प्रतिकूल है, राग रहित सो अनुकूल है, चुन चुन इन में ......समुचित तू मत चुन अनुचित भूल है। सब शास्त्रों का सार यही समता बिन सब धूल है।