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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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घर की बात जो घर की हसीं कराती है,घर के सदस्यो को दूर कर सकती है, हो सकता है किसी बडे नुक्सान के लिये जिम्मेदार बने अथवा घर के कलह का कारण बने लेकिन कैसे ?हानिकारक तब बनती है जब घर के ही किसी सदस्य द्वारा कोई बात बेघर कर दी जाये अथारथ घर के सदस्यो के अलावा किसी पडोसी को या जाने अनजाने व्यक्ति को या फिर दूर या पास के किसी रिश्तेदार को बात साँझा की जाये।ऐसा हम तब करते है जब हमे लगता है कि हमारी बात को माना नही जा रहा है या ऐसा लगता है कि घर के बडे सदस्य भेद भाव करने लगे हैं या अन्य प्रकार से दिल को ठेस पहुंचती है तब हम भीतर से बाहर की ओर रुख करते है। क्या ये सही है की किसी छोटी या थोडा बडी मान लेते हैं बात पर नाराज हो कर और गलतफहमी के शिकार बन कर हम घर की बात बेघर कर दे ?

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