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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

सागर 28/12/2018 *नेगेटिव विचारों से रोग बढ़ता है - मुनि श्री* सागर (मध्यप्रदेश )में र *सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य*  *ज्येष्ठ* *मुनि श्री योग सागर जी*, मुनि श्री पवित्र सागर जी, मुनि श्री प्रयोग सागर जी,


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सागर 28/12/2018 
 *नेगेटिव विचारों से रोग बढ़ता है  - मुनि श्री*
 सागर (मध्यप्रदेश )में र
*सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज  के आज्ञानुवर्ती शिष्य* 
*ज्येष्ठ* 
 *मुनि श्री योग सागर जी*, मुनि श्री पवित्र सागर जी,  मुनि श्री प्रयोग सागर जी,  मुनि श्री संभव सागर जी,मुनि श्री पूज्य सागर जी, मुनि श्री विमल सागर जी ,मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी , 
मुनि श्री शैल सागर जी, 
मुनि श्री अचल सागर जी ,
मुनि श्री अतुल सागर जी ,
मुनि श्री भाव सागर जी ,
मुनि श्री निस्सीम सागर जी, मुनि श्री शाश्वत सागर जी एवं आर्यिका श्री ऋजुमति माता जी  ससंघ आर्यिका श्री गुण मति माताजी  ससंघ आर्यिका श्री अनंत मति माताजी ससंघ, आर्यिका श्रीउपशांत मति माताजी ससंघ आर्यिका श्री अकंप मति माताजी ससंघ आर्यिका भावना मति माताजी ससंघ   14 मुनिराज एवं 49  आर्यिकाओ के सानिध्य में आचार्य श्री की पूजन हुई एवं धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री शैल  सागर जी ने कहा कि मोह रूपी मल्ल को जिन्होंने मार दिया है । ऐसे प्रभु के चरणों में नमस्कार करते हैं । चरणों का उपयोग किए बिना शिखर का स्पर्शन संभव नहीं है । धर्म आस्था का विषय है । एक बार भोजन करते हैं मुनिराज गर्मी ठंड सहन करते हैं धर्म के ऊपर आस्था है तभी तो यह तप करते है । व्यक्ति यदि सोच ले कि  मुझे कोई रोग नहीं है तो डॉक्टरों को भी मानना पड़ेगा ।  नेगेटिव विचारों से भी रोग बढ़ता है और गलत प्रभाव पड़ता है  । एक कैंसर का रोगी था डॉक्टर ने मना कर दिया लेकिन वह 15 वर्ष जिया उसने कहा  मैंने मन को बस में कर लिया था । आज भगवान की भक्ति के लिए ही समय नहीं मिलता है । मुनि श्री योग सागर जी ने कहा कि आस्था के अभाव में आत्मा का कल्याण नहीं धर्म के लक्षणों को समझेंगे तभी सही मार्ग पर चल सकेगे । हमारा तुम्हारा जहां होता है वहां राग देश होते हैं । भगवान का नाम हमेशा लेते रहना चाहिए चाहे सुख हो या दुख । जिस सुख के बाद दुख प्राप्त ना हो ऐसा सुख प्राप्त करें । जैसे अमेरिका नहीं देखा है लेकिन आस्था तो है।  हर किसी की बातों में नहीं आना चाहिए ।  अच्छे कार्य करने वालों की प्रशंसा करें धर्म के क्षेत्र में कंपटीशन नहीं करें। कृत कारित अनुमोदना करना  चाहिए । भोजन से पूर्व भावना भाये  सभी के भोजन अच्छे से हो ।
नीरज वैद्यराज पत्रकार

07582236392

07582888100

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