Sanyog Jagati Posted October 9, 2018 Report Share Posted October 9, 2018 गौरझामर 09/10/2018 *माँ की महिमा निराली है* गौरझामर जिला सागर मध्यप्रदेश में मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज बच्चों में संस्कार समाप्त होते जा रहे हैं मां ही बच्चों को अच्छे संस्कार दे सकती है माता पिता कल्याण मित्र हैं वे एक हित चिंतक कल्याण मित्र हैं जो संतानों को दोषो से बचाते हैं व्यसनो से बचाते हैं जीवन में ऐसे जो भी अनिष्ट हैं उन से बचाते हैं बच्चोे को अपने जीवन को पवित्र बनाना हो उत्तम बनाना हो आदर्श बनाना हो सुखी बनाना हो ऊर्ध्वगामी बनाना हो तो माता पिता के द्वारा ही बन सकते हैं मां जीवन भर गरीबी में रहकर अपने बच्चों को पढ़ाती है अपने से अच्छा बनाती है मां भूखी रहकर बच्चों को भोजन देती है। मुनि श्री अचल सागर जी महाराज ने कहा कि हमारी इच्छा लालसा चाहना बढ़ रही है। आज हम तीन काल में भी अपनी इच्छाओं को पूरा नहीं कर सकते प्राप्त को भूल जाते हैं और अप्राप्त को याद करते हैं आज व्यक्ति एटीएम ऑल टाइम मनी हो गया है व्यक्ति अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पा रहा है 24 घंटे पैसे के लिए भाग रहा है आदमी मशीन हो गया है हम क्या साथ में लेकर आए थे और क्या साथ में लेकर जाएंगे पहले व्यक्ति जीने के लिए खाता था आज खाने के लिए जीता हैं पहले पैसा जीवन जीने के लिए कमाता था आज धन इसलिए कमाता है की आगे की पीढ़ियों के लिए हो जाए। रोटी कपड़ा और मकान की पूर्ति जरूरी है लेकिन अति धन की आकांक्षा की पूर्ति नहीं हो सकती है। Link to comment Share on other sites More sharing options...
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