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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

अर्हम् प्रार्थना-1


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प्रतिदिन सभी व्यक्तियों को अपने जीवन में अपने गुरू एवं भगवान से प्रार्थना अवश्य करनी चाहिए। इसी श्रृंखला में गुरूदेव श्री प्रणम्य सागर जी द्वारा रचित यह प्रार्थना अहम् योग के अन्त में अवश्य बोलनी चाहिए। जिससे हमारे जीवन में शांति एवं सुगमता आकर हमारा स्वभाव सरल एवं सहज बन सकें तथा हम ईश्वरीय शक्ति को अपने जीवन में पाकर अपने इस नरभव को सफल बना सकें।

 

णमोकार मय सारा जीवन बना लो।

महामंत्र से चेतना को सजा लो।।

 

1. णमोकार के पंच परमेष्ठी प्यारे।

भरे शुद्ध भावों से जग में हैं न्यारे।।

महामंत्र की शक्ति निज में मिला लो।

महामंत्र से चेतना को सजा लो।। णमोकार..

 

2. रहे ज्ञान ही ज्ञान में मेरा ध्यान।

महामंत्र सब दु:ख हर ले महान।।

सभी हो सुखी और सबका भला हो।

महामंत्र से चेतना को सजा लो।। णमोकार..

 

3. न तन में हो रोग, न मन में अशांति।

हो सारे जहां में परम शांति-शांति।।

परम शांति अर्हम सभी को मिला लो।

महामंत्र से चेतना को सजा लो।। णमोकार....

 

शांति पाठ

सम्पूजकानां प्रतिपालकानां यतीन्द्र सामान्य तपो धनानाम्।

देशस्य राष्ट्रस्य पुरस्य राज्ञः करोतु शांतिं भगवान् जिनेन्द्रः।।

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