प्राची जैन Posted April 23, 2018 Report Share Posted April 23, 2018 *भारत की रीढ़ मजबूत करना है तो गाय की रक्षा करो -मुनि श्री* गोटेगांव जिला नरसिंहपुर( मध्य-प्रदेश प्रदेश )आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी मुनि श्री अनंत सागर जी मुनि श्री धर्म सागर जी मुनि श्रीअचल सागर जी मुनि श्री अतुल सागर जी मुनि श्री भाव सागर जी के सानिध्य में 23 मुनिराजों का मुनि दीक्षा दिवस विद्या भवन में मनाया गया। पाठशाला के बच्चों ने प्रस्तुति दी। मंगलाचरण सिवनी के बालिका मंडल ने किया पूजन की द्रव्य शहपुरा, गोटेगांव ,मंडला ,छिंदवाड़ा देवरी, खुरई ,गौरझामर, पनागर ,खितौला ,नरसिंहपुर छपारा ,तेंदूखेड़ा ,जबलपुर आदि के लोगों ने समर्पित की ग्रीष्मकालीन वाचना कलश की स्थापना पारसनाथ पंचायती मंदिर कमेटी गोटेगांव ने की। मंच संचालन शुभांशु जैन शहपुरा किया। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के संयम स्वर्ण महोत्सव के उपलक्ष्य में निर्मित संयम कीर्ति स्तंभ की घोषणा गोटेगांव जैन समाज के द्वारा की गई। पुरे भारत का एक अनोखा कीर्तिस्तंभ होगा जिसमें स्वर्ण अक्षरों में आचार्य श्री के बारे में जानकारी दी जाएगी एवं इसमे रत्न भी लगाए जाएंगे इस अवसर पर मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा गुरु जी के अंग अंग से करुणा बहती रहती है पशुओं की ट्रेन राजस्थान से आई आचार्य श्री के पैरों में दर्द था फिर भी गए आज गुरुदेव का आशीर्वाद आया और जानकारी हुई कि पपौरा जी में वन्दन कर रहे हैं पृथ्वी पर कोई सम्पदा है तो वह गाय है उसे मौत के घाट उतारा जा रहा है कोई रक्षा नहीं कर पा रहे हैं आचार्य श्री के आशीर्वाद से गायों की रक्षा हो रही है गायों को पालना बंद कर दिया इसलिए कत्ल खाने जाने लगी । जब तक पृथ्वी पर कुंए रहेंगे तब तक जिनेंद्र भगवान का अभिषेक होता रहेगा और जिनशासन रहेगा गुरुदेव की कृपा से सूखे कुएं में पानी आ जाता है और हम भी इंडिया नहीं भारत बोलेंगे महान हमारे गुरुदेव जिनकी कृपा से आज मैं मुनि बन गया । आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने प्रथम मुनि दीक्षा मुनि श्री समय सागर जी को चतुर्थ काल जैसी दीक्षा दी थी ।दुखों से मुक्ति के लिए दीक्षा ली जाती है मुनि श्री अनंत सागर जी ने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी ने कहा था कि मैं दीक्षा देते समय सोचता हूं कि मेरा शिष्य मेरे से पहले भगवान बने।मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि मुनि बनने के बाद लंच और मंच बदल जाता है । प्रेषक:-इंजी.अभिषेक जैन गोटेगांव Link to comment Share on other sites More sharing options...
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