Saurabh Jain Posted October 4, 2017 Report Share Posted October 4, 2017 बालक विद्याधर का जन्म सन 1946 में शरद पूर्णिमा के दिन माँ श्रीमती की कुक्षी से हुआ ... बचपन से ही धर्म मार्ग पर सदैव बढ़ते हुए इन्होंने आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज से दीक्षा पाई एवं आज हम सभी के समक्ष आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के रूप में विराजमान हैं.. 290 से अधिक मुनि एवं आर्यिकाओं को गुरुदेव द्वारा दीक्षा दी गई है .. दिगंबर सरोवर के राजहंस आचार्य भगवान् का वर्तमान में चातुर्मास रामटेक नागपुर सानंद चलरहा है..| आचार्य भगवंत के चरणों मे शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर शत शत नमन | 1 Link to comment Share on other sites More sharing options...
CA Sakshi Jain Posted October 4, 2017 Report Share Posted October 4, 2017 रास्ता उनका, सहारा उनका, मैं चल रहा हूंँ.. दीपक उनका, रौशनी उनकी, मैं जल रहा हूँ.. प्राण उनके, हर श्वास उनकी, मैं जी रही हूँ।??☺नमोस्तु.. 1 Link to comment Share on other sites More sharing options...
SHREYANSH PRATAP JAIN Posted October 4, 2017 Report Share Posted October 4, 2017 NAMOSTU GURUDEV Link to comment Share on other sites More sharing options...
Sapna18 Posted October 4, 2017 Report Share Posted October 4, 2017 Namostu Guruvar?????? Link to comment Share on other sites More sharing options...
shrenik valavade Posted October 4, 2017 Report Share Posted October 4, 2017 नमोस्तु guruvar नमोस्तु नमोस्तु Link to comment Share on other sites More sharing options...
pawan sharma Posted October 4, 2017 Report Share Posted October 4, 2017 जय जिनेन्द्र Link to comment Share on other sites More sharing options...
swadeep jain Posted October 4, 2017 Report Share Posted October 4, 2017 1 hour ago, Saurabh Jain said: बालक विद्याधर का जन्म सन 1946 में शरद पूर्णिमा के दिन माँ श्रीमती की कुक्षी से हुआ ... बचपन से ही धर्म मार्ग पर सदैव बढ़ते हुए इन्होंने आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज से दीक्षा पाई एवं आज हम सभी के समक्ष आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के रूप में विराजमान हैं.. 290 से अधिक मुनि एवं आर्यिकाओं को गुरुदेव द्वारा दीक्षा दी गई है .. दिगंबर सरोवर के राजहंस आचार्य भगवान् का वर्तमान में चातुर्मास रामटेक नागपुर सानंद चलरहा है..| आचार्य भगवंत के चरणों मे शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर शत शत नमन | रास्ता उनका, सहारा उनका, मैं चल रहा हूंँ.. दीपक उनका, रौशनी उनकी, मैं जल रहा हूँ.. प्राण उनके, हर श्वास उनकी, मैं जी रही हूँ।??☺नमोस्तु.. Link to comment Share on other sites More sharing options...
आर के जैन Posted October 4, 2017 Report Share Posted October 4, 2017 2 hours ago, CA Sakshi Jain said: रास्ता उनका, सहारा उनका, मैं चल रहा हूंँ.. दीपक उनका, रौशनी उनकी, मैं जल रहा हूँ.. प्राण उनके, हर श्वास उनकी, मैं जी रही हूँ।??☺नमोस्तु.. नमोस्तु गुरुवर , नमोस्तु गुरूवर , नमोस्तु गुरुवर Link to comment Share on other sites More sharing options...
आर के जैन Posted October 4, 2017 Report Share Posted October 4, 2017 गुरु की महिमा वरणी न जाये गुरू नाम जपूं मन बचन काय Link to comment Share on other sites More sharing options...
singhai manish jain Posted October 4, 2017 Report Share Posted October 4, 2017 namostu namostu namostu Link to comment Share on other sites More sharing options...
Adhir Kumar Jain Posted October 4, 2017 Report Share Posted October 4, 2017 5 hours ago, Saurabh Jain said: बालक विद्याधर का जन्म सन 1946 में शरद पूर्णिमा के दिन माँ श्रीमती की कुक्षी से हुआ ... बचपन से ही धर्म मार्ग पर सदैव बढ़ते हुए इन्होंने आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज से दीक्षा पाई एवं आज हम सभी के समक्ष आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के रूप में विराजमान हैं.. 290 से अधिक मुनि एवं आर्यिकाओं को गुरुदेव द्वारा दीक्षा दी गई है .. दिगंबर सरोवर के राजहंस आचार्य भगवान् का वर्तमान में चातुर्मास रामटेक नागपुर सानंद चलरहा है..| आचार्य भगवंत के चरणों मे शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर शत शत नमन | नमोस्तु गुरुवर .. Link to comment Share on other sites More sharing options...
Ashok Kumar Jain Posted October 4, 2017 Report Share Posted October 4, 2017 नमोस्तु गुरूदेव नमोस्तु जैनम् जयती शासनं वन्दे विद्यासागरम् ।। ं Link to comment Share on other sites More sharing options...
Ruchi jain jakhaura Posted October 4, 2017 Report Share Posted October 4, 2017 (edited) He guruvar maine mahavir swami ko nahi dekha par ap ko dekhkar lagta hai ki mahaveer bhagvan yese hi hoge he guruvar apke darshan se to ye janam saphal ho jayega. Edited October 4, 2017 by Ruchi jain jakhaura Link to comment Share on other sites More sharing options...
Sonu Posted October 4, 2017 Report Share Posted October 4, 2017 हे गुरुवर नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु Link to comment Share on other sites More sharing options...
Utsav Jain Posted October 5, 2017 Report Share Posted October 5, 2017 रास्ता उनका, सहारा उनका, मैं चल रहा हूंँ.. दीपक उनका, रौशनी उनकी, मैं जल रहा हूँ.. प्राण उनके, हर श्वास उनकी, मैं जी रही हूँ।??☺नमोस्तु.. 1 Link to comment Share on other sites More sharing options...
Chhavi Posted October 5, 2017 Report Share Posted October 5, 2017 19 hours ago, Saurabh Jain said: बालक विद्याधर का जन्म सन 1946 में शरद पूर्णिमा के दिन माँ श्रीमती की कुक्षी से हुआ ... बचपन से ही धर्म मार्ग पर सदैव बढ़ते हुए इन्होंने आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज से दीक्षा पाई एवं आज हम सभी के समक्ष आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के रूप में विराजमान हैं.. 290 से अधिक मुनि एवं आर्यिकाओं को गुरुदेव द्वारा दीक्षा दी गई है .. दिगंबर सरोवर के राजहंस आचार्य भगवान् का वर्तमान में चातुर्मास रामटेक नागपुर सानंद चलरहा है..| आचार्य भगवंत के चरणों मे शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर शत शत नमन | Namostu gurudev Link to comment Share on other sites More sharing options...
Jitendra Agrawal Posted October 5, 2017 Report Share Posted October 5, 2017 Namostu Guruver Heme Ashirwad Chaiye Aapka ke Dharm ke marg per chela Link to comment Share on other sites More sharing options...
Monika Posted October 5, 2017 Report Share Posted October 5, 2017 चेहरे पर वो बच्चों-सी हसीं ,वो झुकी हुई नजर ,वो झुकी हुई गर्दन जिनकी,वो प्रवचन का अनोखा तरीका,वो उनकी निराली चर्या,बस क्या कहने हमारे कविवर विद्याधर गुरुवर का तो,जितना भी कहूँ कम है,जो सिर्फ पढ़ा और सुना था,देख भी लिया,ऐसे चलते फिरते तीर्थंकर के चरणों में बार बार,नमोस्तु _/\_ Link to comment Share on other sites More sharing options...
कमलनयनी जैन Posted October 5, 2017 Report Share Posted October 5, 2017 v 4 hours ago, Monika said: चेहरे पर वो बच्चों-सी हसीं ,वो झुकी हुई नजर ,वो झुकी हुई गर्दन जिनकी,वो प्रवचन का अनोखा तरीका,वो उनकी निराली चर्या,बस क्या कहने हमारे कविवर विद्याधर गुरुवर का तो,जितना भी कहूँ कम है,जो सिर्फ पढ़ा और सुना था,देख भी लिया,ऐसे चलते फिरते तीर्थंकर के चरणों में बार बार,नमोस्तु _/\_ नमोस्तु तुभ्यं , नमोस्तु तुभ्यं , विद्या के सागर नमोस्तु तुभ्यं । हे वीतरागी नमोस्तु तुभ्यं , हे ध्यान मूर्ति नमोस्तु तुभ्यं , आगम प्रणेता नमोस्तु तुभ्यं , परम तपस्वी नमोस्तु तुभ्यं । जीत लिया परीषहों को जिसने, ऐसे जितेन्द्रिय नमोस्तु तुभ्यं ! 1 Link to comment Share on other sites More sharing options...
Anil Jain GZB Posted October 5, 2017 Report Share Posted October 5, 2017 1 hour ago, कमलनयनी जैन said: v नमोस्तु तुभ्यं , नमोस्तु तुभ्यं , विद्या के सागर नमोस्तु तुभ्यं । हे वीतरागी नमोस्तु तुभ्यं , हे ध्यान मूर्ति नमोस्तु तुभ्यं , आगम प्रणेता नमोस्तु तुभ्यं , परम तपस्वी नमोस्तु तुभ्यं । जीत लिया परीषहों को जिसने, ऐसे जितेन्द्रिय नमोस्तु तुभ्यं ! Sant Shiromani Acharya Guruvar Shri Vidya Sagar Ji Maharaj ke charno me sat sat vandan, naman & Namostu Namostu Namostu Anil Jain Ghaziabad Link to comment Share on other sites More sharing options...
Recommended Posts
Create an account or sign in to comment
You need to be a member in order to leave a comment
Create an account
Sign up for a new account in our community. It's easy!
Register a new accountSign in
Already have an account? Sign in here.
Sign In Now