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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

नमोस्तू गुरुदेव ।


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बालक विद्याधर का जन्म सन 1946 में शरद पूर्णिमा के दिन माँ श्रीमती की कुक्षी से हुआ ... बचपन से ही धर्म मार्ग पर सदैव बढ़ते हुए इन्होंने आचार्य श्री ज्ञानसागर जी
महाराज से दीक्षा पाई एवं आज हम सभी के समक्ष आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के रूप में विराजमान हैं.. 290 से अधिक मुनि एवं आर्यिकाओं को गुरुदेव द्वारा दीक्षा दी गई है .. 
दिगंबर सरोवर के राजहंस आचार्य भगवान् का वर्तमान में चातुर्मास रामटेक नागपुर सानंद चलरहा है..|

 

आचार्य भगवंत के चरणों मे शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर  शत शत नमन |

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रास्ता उनका, सहारा उनका, मैं चल रहा हूंँ.. दीपक उनका, रौशनी उनकी, मैं जल रहा हूँ.. प्राण उनके, हर श्वास उनकी, मैं जी रही हूँ।??☺नमोस्तु.. 

 

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1 hour ago, Saurabh Jain said:

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बालक विद्याधर का जन्म सन 1946 में शरद पूर्णिमा के दिन माँ श्रीमती की कुक्षी से हुआ ... बचपन से ही धर्म मार्ग पर सदैव बढ़ते हुए इन्होंने आचार्य श्री ज्ञानसागर जी
महाराज से दीक्षा पाई एवं आज हम सभी के समक्ष आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के रूप में विराजमान हैं.. 290 से अधिक मुनि एवं आर्यिकाओं को गुरुदेव द्वारा दीक्षा दी गई है .. 
दिगंबर सरोवर के राजहंस आचार्य भगवान् का वर्तमान में चातुर्मास रामटेक नागपुर सानंद चलरहा है..|

 

आचार्य भगवंत के चरणों मे शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर  शत शत नमन |

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रास्ता उनका, सहारा उनका, मैं चल रहा हूंँ.. दीपक उनका, रौशनी उनकी, मैं जल रहा हूँ.. प्राण उनके, हर श्वास उनकी, मैं जी रही हूँ।??☺नमोस्तु..

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2 hours ago, CA Sakshi Jain said:

रास्ता उनका, सहारा उनका, मैं चल रहा हूंँ.. दीपक उनका, रौशनी उनकी, मैं जल रहा हूँ.. प्राण उनके, हर श्वास उनकी, मैं जी रही हूँ।??☺नमोस्तु.. 

 

नमोस्तु गुरुवर , नमोस्तु गुरूवर , नमोस्तु गुरुवर

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5 hours ago, Saurabh Jain said:

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बालक विद्याधर का जन्म सन 1946 में शरद पूर्णिमा के दिन माँ श्रीमती की कुक्षी से हुआ ... बचपन से ही धर्म मार्ग पर सदैव बढ़ते हुए इन्होंने आचार्य श्री ज्ञानसागर जी
महाराज से दीक्षा पाई एवं आज हम सभी के समक्ष आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के रूप में विराजमान हैं.. 290 से अधिक मुनि एवं आर्यिकाओं को गुरुदेव द्वारा दीक्षा दी गई है .. 
दिगंबर सरोवर के राजहंस आचार्य भगवान् का वर्तमान में चातुर्मास रामटेक नागपुर सानंद चलरहा है..|

 

आचार्य भगवंत के चरणों मे शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर  शत शत नमन |

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नमोस्तु गुरुवर ..

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रास्ता उनका, सहारा उनका, मैं चल रहा हूंँ.. दीपक उनका, रौशनी उनकी, मैं जल रहा हूँ.. प्राण उनके, हर श्वास उनकी, मैं जी रही हूँ।??☺नमोस्तु.. 

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19 hours ago, Saurabh Jain said:

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बालक विद्याधर का जन्म सन 1946 में शरद पूर्णिमा के दिन माँ श्रीमती की कुक्षी से हुआ ... बचपन से ही धर्म मार्ग पर सदैव बढ़ते हुए इन्होंने आचार्य श्री ज्ञानसागर जी
महाराज से दीक्षा पाई एवं आज हम सभी के समक्ष आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के रूप में विराजमान हैं.. 290 से अधिक मुनि एवं आर्यिकाओं को गुरुदेव द्वारा दीक्षा दी गई है .. 
दिगंबर सरोवर के राजहंस आचार्य भगवान् का वर्तमान में चातुर्मास रामटेक नागपुर सानंद चलरहा है..|

 

आचार्य भगवंत के चरणों मे शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर  शत शत नमन |

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Namostu gurudev

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चेहरे  पर वो बच्चों-सी  हसीं :),
वो झुकी हुई नजर 9_9,
वो झुकी हुई गर्दन  जिनकी,
वो प्रवचन का अनोखा तरीका,
वो उनकी निराली चर्या,
बस क्या कहने हमारे कविवर विद्याधर गुरुवर का तो,
जितना भी कहूँ कम है,
जो सिर्फ पढ़ा और सुना था,
देख भी लिया,
ऐसे चलते फिरते तीर्थंकर के चरणों में बार बार,
नमोस्तु _/\_
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v

4 hours ago, Monika said:
चेहरे  पर वो बच्चों-सी  हसीं :),
वो झुकी हुई नजर 9_9,
वो झुकी हुई गर्दन  जिनकी,
वो प्रवचन का अनोखा तरीका,
वो उनकी निराली चर्या,
बस क्या कहने हमारे कविवर विद्याधर गुरुवर का तो,
जितना भी कहूँ कम है,
जो सिर्फ पढ़ा और सुना था,
देख भी लिया,
ऐसे चलते फिरते तीर्थंकर के चरणों में बार बार,
नमोस्तु _/\_
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नमोस्तु तुभ्यं , नमोस्तु तुभ्यं , विद्या के सागर नमोस्तु तुभ्यं । हे वीतरागी नमोस्तु तुभ्यं , हे ध्यान मूर्ति नमोस्तु तुभ्यं , आगम प्रणेता नमोस्तु तुभ्यं , परम तपस्वी नमोस्तु तुभ्यं । जीत लिया परीषहों को जिसने, ऐसे जितेन्द्रिय नमोस्तु तुभ्यं !

 

 

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1 hour ago, कमलनयनी जैन said:

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नमोस्तु तुभ्यं , नमोस्तु तुभ्यं , विद्या के सागर नमोस्तु तुभ्यं । हे वीतरागी नमोस्तु तुभ्यं , हे ध्यान मूर्ति नमोस्तु तुभ्यं , आगम प्रणेता नमोस्तु तुभ्यं , परम तपस्वी नमोस्तु तुभ्यं । जीत लिया परीषहों को जिसने, ऐसे जितेन्द्रिय नमोस्तु तुभ्यं !

 

 

Sant Shiromani Acharya Guruvar Shri Vidya Sagar Ji Maharaj ke charno me sat sat vandan, naman & Namostu Namostu Namostu

Anil Jain Ghaziabad

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