Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

हर्षोल्लास से मनाया गया आचार्य श्री का 49 वाँ आचार्य पद आरोहण दिवस


Recommended Posts

*बीना* 2/12/2020

*हर्षोल्लास से मनाया गया आचार्य श्री का 49 वाँ आचार्य पद आरोहण दिवस*

 प्रतिभास्थली प्रणेता,पूर्णायु प्रदाता,अहिंसा के सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का 49 वां आचार्य पद आरोहण दिवस,आचार्य श्री के परम शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी, मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी , मुनि श्री भाव सागर जी के ससंघ सानिध्य में सानन्द सम्पन्न हुआ। बीना जिला सागर मध्य प्रदेश  के श्री नाभिनंदन दिगंबर जैन मंदिर इटावा  में 2 दिसंबर को  आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का आचार्य पद आरोहण  दिवस भारत सहित सम्पूर्ण विश्व में हर्षोल्लास से मनाया गया । प्रातः काल अभिषेक, शांतिधारा, पूजन एवं    विशेष द्रव्यों से आचार्य श्री की पूजन एवं आचार्य छत्तीसी विधान  हुआ। दोपहर में वृक्षारोपण एवं गरीबों को वस्त्र ,औषधि ,फल, मिष्ठान वितरण किया गया । आचार्य श्री की 49 दीपों से भव्य महाआरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भक्तिमय आयोजन हुआ । लोगों ने भक्ति भाव से नृत्य करके हर्षोल्लास पूर्वक यह महा महोत्सव मनाया । इस कार्यक्रम में पंचायत कमेटी़ , गौशाला कमेटी ,नवयुवक मंडल,महिला मंडल ,बालिका मंडल, पाठशाला परिवार का विशेष सहयोग रहा । मुनि श्री भावसागर जी द्वारा रचित आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की आरती की गई। इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि हमें आचार्य श्री के माध्यम से अपना कल्याण करना चाहिए।आचार्य परमेष्ठी पंचवटी में बीच में विराजमान होते हैं वह दोनों जगह ऊपर नीचे तालमेल बनाकर रहते हैं।

मुनि श्री भाव सागर जी ने आचार्य श्री की भावना को बेहद खूबसूरती से भक्तों को बताया कि आचार्य श्री सारे संसार की भलाई की भावना रखते हैं,इसी क्रम में उन्होंने बालिकाओं की रक्षा के लिए प्रतिभास्थली की स्थापना की है उसमें बेटियों को बेहतर तालीम के साथ संस्कारों का ज्ञान कराया जा रहा है वहीं लोगों की सेहत का ख्याल करते हुए उनकी वैयावृत्ती के लिए पूर्णायु और भाग्योदय जैसे तंदुरुस्त रखने वाले संस्थानों की स्थापना गुरुदेव की भावना से हुई है इसके साथ ही बेरोजगारों को बेहतर दिशा और मार्गदर्शन के साथ साथ वस्त्रों के जरिए होने वाली हिंसा को रोकने के लिए आचार्य श्री ने हथकरघा की स्थापना का संदेश दिया जिसके चलते देश भर में एक बार फिर हथकरघा की बड़ी तादाद में स्थापना हुईं हैं । इन हथकरघों के जरिये अब अहिंसक वस्त्र तैयार हो रहे हैं और इनके इस्तेमाल से धर्म का पालन तो हो ही रहा है साथ ही कपड़ों से होने वाली हिंसा को भी रोका जा रहा है ।

मुनि श्री अचल सागर महाराज ने आचार्य श्री के संस्मरण सुनाते हुए धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने आचार्य पद बहुत  मनाने के बाद ग्रहण किया था।

Link to comment
Share on other sites

×
×
  • Create New...