Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

आचार्य भगवंत के चरणों मे 49 वें आचार्य पदारोहण दिवस पर शत शत नमन


Recommended Posts

मोह जाल को तोड़कर, चल गए तुम अजमेर।
करूणाकर करूणा करे , निज पर मुनिव्रत पाले।।
परम तपस्वी तप कीये तीन लोक के नाथ को ध्याएं।
रत्नत्रय को धारण करके मोक्ष मार्ग के पथ पर चलते।।
पंचमकाल के साधक तुम , चतुर्थ कालीन चर्या पाले।
ज्ञानी ध्यानी तुम रहे तुम सम कोई नहीं जग में।।
ज्ञान के सागर विद्यासागर हृदय में तीर्थंकर भगवान।
जग के जो स्वामी हो करदो मम कल्याण।।
मोक्षगामी तुम रहें, साक्षात तीर्थंकर भगवान हो।
जिन धर्म प्रवर्थक तुम रहे, दिगंबरत्व की शान हो।।
अशरण के तुम शरण हो, निराधार आधारा।
जग के जो स्वामी तुम, बनादो हमें तुम सम।।
प्राणी मात्र का कल्याण करनेवाले , ओ पालनहारे तुम।
हे तपोभुमी, परिषह विजयी ,चरणों में कोटी-कोटी नमन।।
मोह जाल को तोड़कर चल गए तुम अजमेर।
करूणाकर करणा करें निज पर मुनिव्रत पाले।।

 

संत शिरोमणी आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराजजी के ४९वें आचार्य पदारोहण दिवस के अवसर पर गुरुवर के पावन चरणों में कोटि-कोटि नमोस्तु 🙏🙏🙏 

विद्यागुरु सदा जयवंत हो।

Edited by Pranath Patil
Link to comment
Share on other sites

  • 7 months later...

Create an account or sign in to comment

You need to be a member in order to leave a comment

Create an account

Sign up for a new account in our community. It's easy!

Register a new account

Sign in

Already have an account? Sign in here.

Sign In Now
×
×
  • Create New...