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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

*देश की रक्षा में जो शहीद हुए हैं उनके प्रति सहानुभूति रखें:- मुनि श्री विमल सागर जी महाराज*


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बीना 20/06/2020
*देश की रक्षा में जो शहीद हुए हैं उनके प्रति सहानुभूति रखें- मुनि श्री विमल सागर जी महाराज*
सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य  श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य  
मुनि श्री विमल सागर जी महाराज (ससंघ)
 श्री नाभि नंदन दिगंबर जैन मंदिर इटावा  बीना जिला सागर (मध्य प्रदेश)  में  विराजमान है ।
         धर्म चर्चा करते हुए मुनि श्री भाव जी सागर जी महाराज ने बताया कि कोरोना से पूरी दुनिया परेशान है लेकिन इससे डरना नहीं है सावधानी रखना है l यह उम्र, जाति, अमीर- गरीब को नहीं देखता है।  किसी पर भी आक्रमण कर सकता है। शासन प्रशासन के द्वारा बतायी गयी सावधानियां रखना है। यह बीमारी बरसात में और बढ़ सकती है । आप भाव से पूजा, भक्ति, स्त्रोत ,पाठ, जाप करते रहे और दर्शन भी करें। पंचम काल के अंत तक धर्म लगभग 18500 वर्ष तक रहेगा इस काल में परेशानियां तो आएंगी , और धर्म भी अंत तक रहेगा ।देश की रक्षा में जो शहीद हुए हैं उनके प्रति सहानुभूति रखें और शांति धारा में उनका स्मरण करें । आपको स्वदेशी वस्तुएं अपनाना है । आज आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का 53 वा मुनिदीक्षा  दिवस पूरे विश्व में 25 जून को मनाया जाएगा। आप अपने घर पर अच्छे से यह मनाएं । आज हम गौशाला देखने गए थे उसको अति शीघ्र नवीन स्थान पर बनाना है जिससे गौ रक्षा हो सके ।आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की प्रेरणा से पांच स्थानों पर विश्व की श्रेष्ठ शिक्षा स्थली संचालित हो रही है जिसके माध्यम से बालिकाओं को शिक्षा, संस्कार एवं सुरक्षा मिल रही है। अच्छा बोलने वाले से सभी प्रभावित होते हैं । प्रातः काल उठने से ऑक्सीजन मिलती है जिससे फेफड़े अच्छे रहते हैं और कोरोना से बचाव होता है । धर्म चर्चा मे मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने बताया कि, जो प्रभु और गुरु की भक्ति करता है वह  बहुत कुछ प्राप्त कर लेता है । एक सच्चे प्रभु के भक्त की मदद करने से बहुत पुण्य का अर्जन होता है ।जो गुरु की सेवा करता है, दान देता है , पूजन भक्ति करता है , बहुत पुण्य का  अर्जन कर लेता है । परिवार के साथ रहना पुण्य के उदय से होता है ।एक साथ परिवार मिलकर धार्मिक क्रियाएं करता हैं तो बहुत अच्छा माना जाता है ।अपने देश  की रक्षा करने वाला उत्तम पुरुष माना गया है । आचार्य श्री ने भारत की संस्कृति को सुरक्षित रखने के लिए हजारों ब्रह्मचारिणी बहनों को शिक्षा के लिए समर्पित किया है । बालिकाओं की सुरक्षा महत्वपूर्ण है । दुनिया में अन्य जगह ऐसी शिक्षिका नहीं मिलेंगी ।  अच्छी बात अपना लेते हैं तो जीवन बहुत सुंदर बन सकता है । विषय भोगो के लिए बहुत मेहनत करते हैं  और इनको छोड़ना कठिन कार्य होता है । श्वास का भरोसा नहीं रहता है ।

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