srajal jain Posted November 17, 2019 Report Share Posted November 17, 2019 (edited) करकबेल 16/11/2019 *जो भगवान को माथा टेकते है उनकी समृद्धि में वृद्धि होती है- मुनि श्री विमल सागर जी* पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने किए दर्शन (पंचकल्याणक महोत्सव जन्म कल्याणक की क्रियाए हुई) करकबेल जिला नरसिंहपुर( मध्यप्रदेश) मे सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज मुनि श्री अनंत सागर जी मुनि श्री धर्म सागर जी मुनि श्री अचल सागर जी मुनि श्री भाव सागर जी महाराज,आर्यिका मृदुमती माताजी ,आर्यिका निर्णय मति माताजी के ससंघ सानिध्य एवं प्रतिष्ठाचार्य वाणी भूषण विनय भैया जी बंडा के निर्देशन में पंचकल्याणक महोत्सव चल रहा है यह कार्यक्रम सरकारी अस्पताल ग्राउंड करकबेल तह. गोटेगांव जिला नरसिंहपुर (म.प्र) में चल रहा है यह महोत्सव 19 नवंबर तक चलेगा इसमें 16 नवंबर को प्रातः अभिषेक शांतिधारा पूजन आदि हुए फिर आदिकुमार का जन्म हुआ सभी ने जन्म की नृत्य गान करके खुशिया मनाई और गोशाला के लिए गायो का दान किया ।दोपहर में सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहे है। रात्रि में नाटिका एवं आरती के कार्यक्रम चल रहे हैं इस कार्यक्रम में देशभर से श्रद्धालु आ रहे हैं। शासन, प्रशासन के अतिथि भी आ रहे हैं। 17 नवंबर को तप कल्याणक की क्रियाएं संपन्न होंगी प्रातः 6 बजे अभिषेक शांतिधारा पूजन आरती सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। दोपहर मे राजाओ के द्वारा भेट, महाराज नाभिराय का दरबार ,मुनि दीक्षाविधि सम्पन्न होगी। भगवान को पिच्छिका देने का सौभाग्य प्राप्त होगा। भगवान को कमंडल देने का सौभाग्य प्राप्त होगा । इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुये मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि माता के गर्भ मे एक ऐसा जीव आया जो तीन लोक का नाथ बनकर आया ऐसी भावना भाए कि हमारी संतान साधू बने धनवान तो बहुत होते है लेकिन धन का सदुपयोग करने वाले, दान में लगाने वाले विरले होते हैं । दान देने से धन कम नहीं होता है । आपके पास वह ताकत आती है कि धन कई गुना बढ़ जाता है और दान देने की क्षमता है दूनी हो जाती हैं जिन्होंने धर्म क्षेत्र में धन को लगाया है उन्हें कई गुना फल मिलेगा और मिल रहा है । ऐसी संतानों को जन्म देना चाहिए जो विश्व का कल्याण करने वाली हो और ऐसा शूरवीर पुत्र हो जो देश की रक्षा करे । आज भगवान का जन्म हुआ है क्या दृश्य होता होगा साक्षात सभी अपना सब कुछ लुटा देते हैं । तीर्थंकरों के जन्म के समय कुछ क्षणों के लिए शांति हो जाती है यह पूर्व का फल है । पुण्य का सर्वश्रेष्ठ फल अरहंत पद है । पुण्य ही साथ देता है। सभी साथ छोड़ कर चले जाते हैं। भगवान विश्व के सभी पदार्थों को जानते हैं ।सभी जीवो के कल्याण का उपदेश देते हैं। भगवान के प्रति जो सच्ची श्रद्धा रखता है वह विशिष्ट पुण्य का संचय करता है । विनय मोक्ष का द्वार है। जो विनय नहीं करता है उसका मोक्ष का द्वार बंद रहता है। जो भगवान को माथा टेकते हैं उनकी समृद्धि में वृद्धि होती है । जितनी बार झुकोगे उतनी आपके पुण्य में वृद्धि होगी। भगवान के दर्शन करने का मन बनाने से कई गुना फल मिलना प्रारंभ हो जाता है। भगवान की स्तुति पूजा करने से अनंत गुना फल प्राप्त होता है ।प्रतिदिन स्नान भी इस भावना से करें कि मुझे भगवान का अभिषेक पूजन भक्ति करना है। यह पूण्य वृद्धि में कारण बनता है।सौधर्म इन्द्र प्रभु का जन्म अभिषेक करता है। भगवान के दरबार में गदगद भाव से जाना चाहिए। जिसको भगवान और अपनी आत्मा पर विश्वास नहीं वह जिंदा नहीं कहलाता है।सौधर्म इन्द्र 1008 कलशों से प्रभु का जन्म अभिषेक करता है। प्रतिमा का अभिषेक उत्तम धातु के पात्र से करना चाहिए। साधुओं के रुकने के लिए अनुकूल स्थान होना चाहिए। आप सभी में एकता होना चाहिए। भाग्य का अतिशय यही कहलाता है कि 6 माह पूर्व रत्नों की वृष्टि होने लगती है।15 माह लगातार होती है। आज पंचकल्याणक महोत्सव में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी का आगमन हुआ उन्होंने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी की प्रेरणा से हथकरघा के वस्त्रों की पहल हुई है इसका आप आप पालन करें आप स्वयं हथकरघा के वस्त्रो का उपयोग करें। मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कहा कि गौशालाओं के लिए मैं विशेष सहयोग करूंगा। तेंदूखेड़ा विधायक संजय शर्मा एवं विशेष अतिथियों का आगमन हुआ । Edited November 17, 2019 by srajal jain Link to comment Share on other sites More sharing options...
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