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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

गुरुदेव कैसे और क्या करूँ मैं अर्पित? कर रही हूँ , फिर भी 4 पंक्तियाँ समर्पित।।


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दिव्य ज्ञान की ज्योति जलाकर, 

मन को आलोकित किया है, 

हमें शिक्षा और ज्ञान का धन देकर, 

जीवन को सुखमय किया है। 

 

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जो कल था उसे भूलकर तो देखो,

जो आज है उसे जीकर तो देखो, 

आने वाला कल अपने आप संवर जाएगा, 

एक बार गुरुचरणों में बैठकर तो देखो।। 

 

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आसमां में चाहे हो
कितने भी तारे, 
पर विद्यागुरु ही है , 
 इस धरती के सितारे, 
चाँद की चांदनी भी, 
क्या प्रकाश फैला पायेगी? 
जब मेरे गुरु की आभा 
पर उसकी नज़र जायेगी।
शरद पूर्णिमा के चाँद , 

से शीतलता हमने पाई है,  
हर जन्म में मिले विद्यागुरु, 
बस यही प्रार्थना दोहराई है।। 

Edited by Aashika jain
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