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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

हंसते-हंसते कर्म  बाँधते हैं फिर रोते हैं:- मुनि श्री विमल सागर जी


Sanyog Jagati

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करेली 7/09 /2019
 *हंसते-हंसते कर्म  बाँधते हैं फिर रोते हैं*
(विश्व स्तरीय दस लक्षण महापर्व उत्तम सत्य धर्म)
करेली 
जिला नरसिंहपुर
 मध्य प्रदेश मे 
 *राष्ट्रहित चिंतक,सर्वश्रेष्ठ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज* के आज्ञानुवर्ती शिष्य
*मुनि श्री विमल सागर जी महाराज
ससंघ सानिध्य में
 श्री महावीर दिगंबर जैन बडा मंदिर सुभाष मैदान  मैं पर्यूषण पर्व के पांचवे दिन उत्तम सत्य धर्म पर  विभिन्न आयोजन हुए ।  प्रातः काल मुनि श्री विमल सागर जी ने शिविरार्थीओ को ध्यान करवाया फिर आचार्य भक्ति हुई फिर अभिषेक, शांतिधारा, विशेष पूजन ,छहढाला की कक्षा मुनि श्री विमल सागर जी द्वारा फिर इष्टोपदेश  ग्रंथ की कक्षा मुनि श्री अनंत सागर जी के द्वारा ली गई, तत्वार्थ सूत्र का वाचन हुआ,  मुनि श्री के प्रवचन  10 धर्मों पर, रात्रि में आरती, शास्त्र प्रवचन,  सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रतियोगिता आदि  हुई । यह कार्यक्रम  ब्रह्मचारी  रजनीश भैया जी रहली के  निर्देशन में चल रहे हैं एवं प्रसिद्ध बाल कलाकार  प्रथम जैन दमोह के द्वारा संगीतमयी विशेष प्रस्तुति दी जा रही है। इन कार्यक्रमों में  विशेष योगदान मिल रहा है  पंचायत ट्रस्ट कमेटी मंदिर निर्माण कमेटी चातुर्मास कमेटी  नवयुवक मंडल  महिला मंडल बालिका मंडल  पाठशाला परिवार का इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए ।
*मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि* मिलावट पर मिलावट करते जा रहे हैं पुरानी मिलावट दूर नहीं कर पा रहे हैं ।24 घंटे पाप के कार्य हो रहे हैं और 1 घंटे पुण्य करेगा व्यक्ति तो स्वाद किसका ज्यादा आएगा। पाप का फल दिखाई देता है इसी से कर्म समझ में आते हैं। पूर्व के पुण्य से आपत्ति दूर होती है। हम हंसते-हंसते कर्मों को बांधते रहते हैं फिर भोगने में कष्ट होता है।" कुछ पल का मजा कई वर्षों की सजा" बहुत आरंभ  बहुत परिग्रह की लालसा नरक जाने का कारण है ।दूसरों को नहीं कोसे कर्मों को कोसें। अकृतपुण्य की कथा में आया है कि व्रत, नियम, संयम से कल्याण हो जाता है ।इच्छाओं का निरोध करना तप होता है। श्रावक संस्कार शिविर में प्रातः काल 4 बजे उठना ,उपवास करना कठिन कार्य है फिर भी जो साधना कर रहे हैं साधुवाद के पात्र हैं। अच्छा भविष्य उन्हीं का बनता है जो सूर्योदय के पूर्व उठ जाते हैं ।शुगर जैसे रोग भी कंट्रोल हो गए हैं शिविर में भाग लेने से।
*मुनि श्री अनंत सागर जी ने बताया कि* 10 धर्मों को जो जीवन में अंगीकार कर लेता है महान बन जाता है ।
*मुनि श्री अचल सागर जी ने बताया कि*  उत्तम शौच धर्म हमारे जीवन में आ जाए तो हमारा जीवन ही बदल जाए अनेक उदाहरण देकर उन्होंने धर्म की व्याख्या की।  
*मुनि श्री भाव सागर जी ने बताया कि* धार्मिक मान्यताएं जो स्थिति परिस्थिति अनुसार परिवर्तित होती रहती हैंकमेटी ने बताया कि 8सितंबर को उत्तम सयंम धर्म के अवसर पर कवि सम्मेलन  रात्रि 9 बजे   होगा  प्रतिदिन के कार्यक्रम भी होंगे। 10 सितंबर मंगलवार को उत्तम त्याग धर्म के दिन प्रातः 6 बजे महा शांति धारा होगी जिसमें पूरे नगर के जैन बंधु शांतिधारा करेंगे यह इतिहास में प्रथम बार होगा। पर्यूषण पर्व में कई लोग पांच उपवास निर्जल एवं कई लोग कुछ पेय पदार्थ आदि लेकर कर रहे हैं।

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