Sanyog Jagati Posted August 28, 2019 Report Share Posted August 28, 2019 28/08 /2019 *विद्या, औषधि, मंत्र, जल, हवन आदि भी कार्य करते हैं*-मुनि श्री करेली' जिला नरसिंहपुर मध्यप्रदेश मैं राष्ट्रहित चिंतक,सर्वश्रेष्ठ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि श्री विमलसागर जी ससंघ सानिध्य में श्री महावीर दिगंबर जैन बडा मंदिर सुभाष मैदान मैं प्रतिदिन विभिन्न आयोजन चल रहे हैं । इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी ने जीवन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और उदाहरण देकर समझाया कि कैसे हम अपना आचरण सुधारें। मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि शांति भक्ति में आचार्य पूज्यपाद स्वामी जी ने लिखा है की विद्या, औषधि ,मंत्र, जल ,हवन आदि अपना अपना कार्य करते हैं। मंदिर के लिए प्रभु के लिए जो भी अर्पण किया जाता है। वह भी पूजा के अंतर्गत आता है। भक्ति में तन्मयता के लिए हम प्रभु को सर्वश्रेष्ठ सामग्री अर्पण करते हैं। वैज्ञानिकों ने भी सिद्ध किया है चावल नेगेटिव एनर्जी को खींचता है। मंदिर सुख ,शांति, समृद्धि, प्रदान करने वाले होते हैं। भगवान को छत्र, चमर, भामंडल, प्रतिमा विराजमान करवाना वेदी का निर्माण ,शिखर का निर्माण, मंदिर के लिए भूमि आदि का दान भी पूजन के अंतर्गत आता है ।इसलिए मंदिर के लिए हमेशा सर्वश्रेष्ठ सामग्री का दान करते रहना चाहिए। जिससे जीवन में पाप कम होता है और पुण्य की वृद्धि होती है। और हमेशा इष्ट पदार्थों की प्राप्ति होती रहती है ।और आगामी भवो में भी इसका फल मिलता है। Link to comment Share on other sites More sharing options...
Recommended Posts