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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

मंदिर, प्रतिमा, पूजा, भक्ति, मंत्र, जाप, आदि धार्मिक क्रियाएं इलेक्ट्रोडायनेमिक फील्ड  बदलने में सशक्त माध्यम है- मुनि श्री भाव सागर जी


Sanyog Jagati

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14/08 /2019
 *मंदिर, प्रतिमा, पूजा, भक्ति, मंत्र, जाप, आदि धार्मिक क्रियाएं इलेक्ट्रोडायनेमिक फील्ड  बदलने में सशक्त माध्यम है- मुनि श्री*


करेली
जिला नरसिंहपुर
मध्यप्रदेश मैं
 राष्ट्रहित चिंतक,सर्वश्रेचष्ठ *आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज* के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में
 *श्री महावीर दिगंबर जैन बडा मंदिर करेली मैं विभिन्न आयोजन चल रहे हैं* 14 अगस्त को अभिषेक ,शांतिधारा, पूजन, रक्षाबंधन विधान  का तृतीय भाग संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम ब्रह्मचारी मनोज भैया जी जबलपुर के निर्देशन में चल रहे है। इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए।
*मुनि श्री अनंत सागर जी ने कहा कि*. पूजन भक्ति सर्वश्रेष्ठ माध्यम है कर्मों को क्षय करने का। 
 *मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि* मंदिर प्रतिमा पूजन भक्ति एवं मंत्र जाप आदि धार्मिक क्रिया ही चारों ओर के वातावरण आभामंडल (इलेक्ट्रोडायनेमिक फील्ड) और अपने विचारों को बदलने का सशक्त माध्यम है इन क्रियाओं से सीधे पाप कर्म नष्ट नहीं होते बल्कि आसपास का माहौल बदलता है उससे विचार बदलते हैं विचारों की परिवर्तन से कर्म नष्ट होते हैं भगवान के ऊपर प्रथम छत्र का आकार इतना बड़ा होना चाहिए की प्रतिमा के दोनों कान, नाक, का अग्रभाग एवं सिर पूर्णतः ढक जाए परंतु सिर से थोड़ा ऊपर छत्र इस ढंग से लगाना चाहिए जिससे कि प्रतिमा पूर्णता दृष्टिगोचर हो और अभिषेक आदि कर सके। छत्र दान  करने से  एक छत्र राज्य करता है छत्र देने वाला और चमर दान करने से उसके ऊपर चमर ढुरते हैं। श्रीफल की महिमा अपरंपार है। श्री यानी मोक्ष का फल देने वाला होता है  श्रीफल।
 कमेटी ने बताया कि15 अगस्त को प्रातकाल अभिषेक, शांति धारा, पूजन, श्री श्रेयांश नाथ भगवान का निर्वाण  कल्याणक का  निर्वाण लाडू  अर्पण किया जाएगा इसके  पश्चात मुनि राजो की पिच्छिका में राखी बांधी जाएगी इसके पश्चात मुनि श्री की दिव्य देशना का लाभ मिलेगा। इस कार्यक्रम में पूरे देश के विभिन्न नगरों से श्रद्धालु आएंगे।
 

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