Sanyog Jagati Posted August 12, 2019 Report Share Posted August 12, 2019 12/08 /2019 देश के शहीद बड़े महान हैं वे देश की शान है- मुनि श्री भाव सागर जी करेली जिला नरसिंहपुर मध्यप्रदेश मैं राष्ट्रहित चिंतक,सर्वश्रेचष्ठ *आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज* के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि श्री विमलसागर जी महाराज (ससंघ) *श्री महावीर दिगंबर जैन बडा मंदिर करेली मैं विराजमान है* 12 अगस्त को अभिषेक ,शांतिधारा, पूजन, रक्षाबंधन विधान का प्रथम भाग संपन्न हुआ। इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए *मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि* स्वतंत्रता दिवस सिर्फ नारे लगाकर नहीं मनाना है कुछ करना भी है। *इंडिया नहीं भारत लिखें* और जनजागृती लाएं । *हिंदी* *भाषा को महत्व दें* भारत ने पूरे विश्व को ऑपरेशन की तकनीक दी है। पहले गांव गांव में गुरुकुल थे। हमें अंग्रेजों ने अपनी अंग्रेजी सभ्यता से गुलाम बना दिया है इन सब से आजाद होना है। यह शरीर राष्ट्रीय संपत्ति है। राष्ट्रहित में हमेशा कार्य करना चाहिए। भारतीय संस्कृति को सुरक्षित रखना है।राष्ट्र की रक्षा ,व्यक्ति, परिवार ,धर्म, समाज और संस्कृति की सुरक्षा है ।पहली रक्षा राष्ट्र की बाद में परिवार की क्योंकि राष्ट्र बड़ा होता है परिवार नहीं। राष्ट्र हमारा घर है राष्ट्र हमारा परिवार है राष्ट्र हमारा समाज है। हम अपने राष्ट्र की रक्षा का संकल्प करें। हम अपने राष्ट्र के पहरेदार बने। हमारी सभ्यता दुनिया से निराली है। देश एक मंदिर है हम उसके पुजारी हैं। देश की रक्षा करने वाले सीमा पर तैनात सेना के जवानों की ड्यूटी किसी संत की तपस्या से कम नहीं है। जो ठंडी, गर्मी बरसात और आंधी तूफानों की बाधाओं को सहते हुए 24 घंटे देश की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं। देश की रक्षा में मीडिया का बहुत योगदान हो सकता है यदि वह राष्ट्रीय विचारधारा ,शहीदों की गाथा ओं बलिदानों की कहानियों राष्ट्रीय लोक सेवा, सामाजिक लोक सेवा, परोपकार बलिदान देश प्रेम, आदि विषयों को फोकस करें । *रोको इस नुकसान को वीरो बहादुरों से भर दो हिंदुस्तान को* हमारे *देश के शहीद बड़े महान है* *क्योंकि वे देश की शान है* उनके बिना घर ही नहीं मंदिर भी सुनसान है। हमारी पूजा प्रार्थना में सबसे पहले राष्ट्र का नाम आता है। राष्ट्र की मंगल कामना के बिना हमारी हर पूजा प्रार्थना अधूरी है ।भारत के इतिहास में नया परिवर्तन हुआ था। सदियों से राज्य करने वाली सत्ता का अंत हुआ था ।और अपने भारतीय शासन का पुनः निर्माण हुआ था। भारत के अनेक सपूतों ने अपने प्राणों का बलिदान देकर इस स्वतंत्रता का चिराग जलाया है। हमें स्वतंत्रता को कायम रखना है। *मुनि श्री अनंत सागर जी* ने कहा कि संसार में ऐसे भी लोग होते हैं जो देने के नाम पर देते नहीं हैं लेने को तैयार रहते हैं ।दान लेने वालों की अनुमोदना करना चाहिए। गृहस्थ के पास कोड़ी नहीं है तो वह कोड़ी का नहीं है साधु के पास कोड़ी है तो वह भी दो कौड़ी का नहीं होता है। परिग्रह छोड़ते छोड़ते भी रख लेते हैं। कमेटी ने बताया कि ब्रह्मचारी मनोज भैया जबलपुर के निर्देशन में प्रतिदिन कार्यक्रम चल रहे हैं। पंचायत कमेटी चातुर्मास कमेटी दिगंबर जैन समाज के प्रमुख सदस्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से मार्गदर्शन प्राप्त करने नेमावर गए थे वहां आचार्यश्री से चर्चा हुई और आशीर्वाद प्राप्त किया । Link to comment Share on other sites More sharing options...
Sagar Posted August 14, 2019 Report Share Posted August 14, 2019 On 8/12/2019 at 6:46 PM, Sanyog Jagati said: 12/08 /2019 देश के शहीद बड़े महान हैं वे देश की शान है- मुनि श्री भाव सागर जी करेली जिला नरसिंहपुर मध्यप्रदेश मैं राष्ट्रहित चिंतक,सर्वश्रेचष्ठ *आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज* के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि श्री विमलसागर जी महाराज (ससंघ) *श्री महावीर दिगंबर जैन बडा मंदिर करेली मैं विराजमान है* 12 अगस्त को अभिषेक ,शांतिधारा, पूजन, रक्षाबंधन विधान का प्रथम भाग संपन्न हुआ। इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए *मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि* स्वतंत्रता दिवस सिर्फ नारे लगाकर नहीं मनाना है कुछ करना भी है। *इंडिया नहीं भारत लिखें* और जनजागृती लाएं । *हिंदी* *भाषा को महत्व दें* भारत ने पूरे विश्व को ऑपरेशन की तकनीक दी है। पहले गांव गांव में गुरुकुल थे। हमें अंग्रेजों ने अपनी अंग्रेजी सभ्यता से गुलाम बना दिया है इन सब से आजाद होना है। यह शरीर राष्ट्रीय संपत्ति है। राष्ट्रहित में हमेशा कार्य करना चाहिए। भारतीय संस्कृति को सुरक्षित रखना है।राष्ट्र की रक्षा ,व्यक्ति, परिवार ,धर्म, समाज और संस्कृति की सुरक्षा है ।पहली रक्षा राष्ट्र की बाद में परिवार की क्योंकि राष्ट्र बड़ा होता है परिवार नहीं। राष्ट्र हमारा घर है राष्ट्र हमारा परिवार है राष्ट्र हमारा समाज है। हम अपने राष्ट्र की रक्षा का संकल्प करें। हम अपने राष्ट्र के पहरेदार बने। हमारी सभ्यता दुनिया से निराली है। देश एक मंदिर है हम उसके पुजारी हैं। देश की रक्षा करने वाले सीमा पर तैनात सेना के जवानों की ड्यूटी किसी संत की तपस्या से कम नहीं है। जो ठंडी, गर्मी बरसात और आंधी तूफानों की बाधाओं को सहते हुए 24 घंटे देश की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं। देश की रक्षा में मीडिया का बहुत योगदान हो सकता है यदि वह राष्ट्रीय विचारधारा ,शहीदों की गाथा ओं बलिदानों की कहानियों राष्ट्रीय लोक सेवा, सामाजिक लोक सेवा, परोपकार बलिदान देश प्रेम, आदि विषयों को फोकस करें । *रोको इस नुकसान को वीरो बहादुरों से भर दो हिंदुस्तान को* हमारे *देश के शहीद बड़े महान है* *क्योंकि वे देश की शान है* उनके बिना घर ही नहीं मंदिर भी सुनसान है। हमारी पूजा प्रार्थना में सबसे पहले राष्ट्र का नाम आता है। राष्ट्र की मंगल कामना के बिना हमारी हर पूजा प्रार्थना अधूरी है ।भारत के इतिहास में नया परिवर्तन हुआ था। सदियों से राज्य करने वाली सत्ता का अंत हुआ था ।और अपने भारतीय शासन का पुनः निर्माण हुआ था। भारत के अनेक सपूतों ने अपने प्राणों का बलिदान देकर इस स्वतंत्रता का चिराग जलाया है। हमें स्वतंत्रता को कायम रखना है। *मुनि श्री अनंत सागर जी* ने कहा कि संसार में ऐसे भी लोग होते हैं जो देने के नाम पर देते नहीं हैं लेने को तैयार रहते हैं ।दान लेने वालों की अनुमोदना करना चाहिए। गृहस्थ के पास कोड़ी नहीं है तो वह कोड़ी का नहीं है साधु के पास कोड़ी है तो वह भी दो कौड़ी का नहीं होता है। परिग्रह छोड़ते छोड़ते भी रख लेते हैं। कमेटी ने बताया कि ब्रह्मचारी मनोज भैया जबलपुर के निर्देशन में प्रतिदिन कार्यक्रम चल रहे हैं। पंचायत कमेटी चातुर्मास कमेटी दिगंबर जैन समाज के प्रमुख सदस्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से मार्गदर्शन प्राप्त करने नेमावर गए थे वहां आचार्यश्री से चर्चा हुई और आशीर्वाद प्राप्त किया । Link to comment Share on other sites More sharing options...
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