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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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राष्ट्रीय संयम स्वर्ण महोत्सव समिति भारत के समस्त दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्रों के न्यासियों एवं पदाधिकारियों से अनुरोध करती है कि बड़ी संख्या में वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित करें और भारत भर के दिगंबर जैन तीर्थ स्थलों को हरियाली से आच्छादित करने में सहयोग प्रदान करें. इन तीर्थों पर पूज्य साधु संतों का निरंतर आगमन होता रहता है इसलिए यहां पर प्राकृतिक वातावरण और सुरम्य वन आदि का होना अत्यंत आवश्यक है इसलिए आप से विनम्र प्रार्थना है कि स्थानीय वन विभाग से सहयोग लेकर वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित करें और तीर्थ स्थलों पर पधारने वाले तीर्थ यात्रियों को एक-एक पेड़ के संरक्षण के लिए एक न्यूनतम राशि निर्धारित कर दें और साथ ही साथ उन्हें वृक्षारोपण के लिए आमंत्रित करें.

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समय रहते सभी जैन तीर्थ क्षेत्रों को हरियाली की चादर से ढँकने की महती आवश्यकता है, वहाँ अध्यात्म के साथ साथ सुरम्य वातावरण निर्मित हो, ग्रीष्मकाल में तापमान कम रहे और शीतलता बनी रहे।
  1. What's new in this club
  2. ? *जय जिनेन्द्र बन्धुओं? * आचार्य श्री 108* *विद्यासागर सागर जी मुनिराज के मुख्य सामाजिक एवं प्राकृतिक दायित्व निर्वहन * कार्यक्रम के अन्तर्गत एवं * उनके आशीर्वाद एवं प्रेरणा से एक वृहत वृक्षारोपण के कार्यक्रम का आयोजन आगामी शनिवार दिनांक 14-07-2018 को प्रातः 06-30 बजे से, बोन्टा गेट नंबर 05 ( कमला नेहरू रिज) सिविल लाइंस दिल्ली मे अति उत्साह से मनाया जाऐगा। इस कार्यक्रम मे लगभग 1000 की संख्या मे वृक्ष पोध का रोपण किया जाऐगा। हम इस सामाजिक एवं प्राकृतिक कर्तव्य निर्वहण कार्यक्रम मे आपको सपरिवार सादर आमन्त्रित करते हैं। कृप्या सम्मिलित हो कर उत्साह बढाऐं ।* धन्यवाद।* *प्रेषक एवं विनित सकल दिगम्बर जैन समाज, राजपुर रोड दिल्ली*
  3. भारत का प्रत्येक तीर्थ हो हरा-भरा परमपूज्य आचार्यश्री 108 विद्यासागर जी महा मुनिराज की मुनि दीक्षा के स्वर्ण जयंती वर्ष में आयोजित संयम स्वर्ण महोत्सव के अंतर्गत “विद्या तरु/विद्या-वाटिका” वृक्षारोपण अभियान अपील ‘राष्ट्रीय संयम स्वर्ण महोत्सव समिति भारत के समस्त तीर्थ क्षेत्रों, मंदिरों, धर्मशालाओं और संस्थानों के न्यासियों एवं पदाधिकारियों से अनुरोध करती है कि जुलाई 2018 के इस महीने में अपने आसपास के तीर्थ क्षेत्रों, मंदिरों, धर्मशालाओं और जैन संस्थानों के परिसरों में वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित करें ताकि हम परमपूज्य आचार्यश्री 108 विद्यासागर जी महा मुनिराज की मुनि दीक्षा के स्वर्ण जयंती वर्ष को एक स्थायी स्मृति प्रदान कर सकें और भारत भर के तीर्थ स्थलों को हरियाली से आच्छादित करने में सहयोग प्रदान करें. इन तीर्थों पर पूज्य साधु-संतों का निरंतर आगमन होता रहता है इसलिए यहां पर प्राकृतिक वातावरण और सुरम्य वन आदि का होना अत्यंत आवश्यक है ताकि हमारे गुरु भगवंतों की साधना निरंतर चलती रहे, हम सभी श्रावकों का परम कर्तव्य है कि अपने गुरुओं की वैय्यावृत्ति के इस परोक्ष कार्य में अपनी क्षमता के अनुरूप तन-मन-धन से सहयोग प्रदान करें। यदि हम देश के 500 तीर्थ क्षेत्रों, मंदिरों आदि में भी इस महत्वपूर्ण कार्य को कर सके तो आने वाले 5 वर्षों में ये स्थान तीर्थयात्रियों के आकर्षण का केंद्र बन जाएँगे. देशभर में वर्षा आरंभ हो चुकी है और यही वृक्षारोपण का सही समय है। अतः आप से विनम्र प्रार्थना है कि स्थानीय वन विभाग से सहयोग लेकर वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित करें और तीर्थ स्थलों पर पधारने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए वृक्षारोपण ध्रौव्य फंड स्थापित करें ताकि लगाये गए पौधों का वर्षभर संरक्षण और देखभाल हो सके. आपके नगर जिले शहर अथवा गांव के सरपंच जिला अध्यक्ष कलेक्टर विधायक पार्षद अथवा सांसद को इस कार्यक्रम में अवश्य आमंत्रित करें और पर्यावरण के प्रति अपनी जागरुकता का परिचय दें। जहाँ –जहाँ के संपर्क हमारे पास हैं, हमारी टीम के सदस्य तीर्थ क्षेत्रों, मंदिरों, धर्मशालाओं और संस्थानों के न्यासियों एवं पदाधिकारियों से व्यक्तिगत अनुरोध कर रहे हैं, आप इस अपील को व्हाट्सएप, ट्विटर, फेसबुक आदि पर साझा करें और इस अभियान की सफलता हेतु सहयोग दें. अशोक पाटनी गौरव अध्यक्ष *राष्ट्रीय स्वयं स्वर्ण महोत्सव समिति* अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट देखें www.vidyasagar.guru पहले चरण में प्रमुख तीर्थ क्षेत्र एवं गोशालाएँ जहां वृक्षारोपण होना चाहिए: 1. सम्मेद शिखर जी 2. तिजारा जी 3. कुंडलपुर 4. बीना बारह 5. नेमावर 6. विदिशा 7. विद्यासागर तपोवन गुजरात 8. महावीर जी 9. थूबोनजी 10. बनेडिया जी 11. रामटेक 12. चंद्रगिरि, 13. तिलवारा, 14. आहार जी, 15. पपोरा जी, 16. नैनागिरि, 17. देवगढ़ (ललितपुर), 18. नारेली, 19. रतौना सागर, 20. बंडा, 21. बहोरीबंद, 22. कटनी गोशाला, 23. टीकमगढ़ गोशाला, 24. खनियाधाना, 25. गोम्मटगिरि (इंदौर)। 26. बावनगजा 27. दक्षिण के तीर्थ समय रहते सभी जैन तीर्थ क्षेत्रों को हरियाली की चादर से ढँकने की महती आवश्यकता है, वहाँ अध्यात्म के साथ साथ सुरम्य वातावरण निर्मित हो, ग्रीष्मकाल में तापमान कम रहे और शीतलता बनी रहे। सामान्य अनुदेश: १. पहले दो वर्षों में हर वृक्ष के लिए नियमित पानी देने का प्रबंध करें। २. हर वृक्ष अथवा पूरी क्यारी के लिए बाड़/फेंसिंग/जाली अवश्य लगवाएं। उस पर " संयम स्वर्ण महोत्सव वर्ष २०१७-१८ के अंतर्गत “विद्या तरु/विद्या-वाटिका” वृक्षारोपण अभियान, पुण्यार्जक के नाम का नामपट्ट लगवा दें. बैनर-शिलापट का प्ररूप संलग्न है। ३. कंटीले वृक्ष /फल तोड़ने पर दूध निकले ऐसे वृक्ष/वास्तु दोष वाले वृक्ष न लगाएँ. ४. प्रत्येक पेड़ की ऊँचाई कम से कम 3 फुट या उससे अधिक होनी चाहिए। ५. तीर्थ क्षेत्र/पर्वत के सभी यात्रा मार्गों/सीढ़ियों के दोनों ओर एवं तीर्थ क्षेत्र पहुँचने के पक्के मुख्य मार्ग पर दोनों ओर कम-से-कम १ से ५ किलोमीटर में पेड़ लगवाएँ। ६. वृक्षारोपण कार्यक्रम के चित्र/वीडियो/समाचार व्हाट्स एप नंबर ७९०९९-९२०१३ पर भेजें अथवा www.vidyasagar.guru के हरित जैन तीर्थ अभियान पृष्ठ पर अपलोड करें अथवा ईमेल पते info@vidyasagar.guru पर भेजें। संपर्क सूत्र: 1. श्री विनोद जी कोयला, चलभाष: 99933-76111 2. प्रवीण जैन (सीएस), मुंबई, चलभाष: 75067-35396 ईमेल:cs.praveenjain@gmail.com 3. सौरभ जैन, जयपुर ईमेल: jain.saurabh@yahoo.com
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