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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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  2. 31/12/2018 *नव वर्ष इसे कहते है - मुनि श्री* सागर (मध्यप्रदेश )में *सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य* *ज्येष्ठ* *मुनि श्री योग सागर जी* महाराज (ससंघ ) एवं आर्यिका श्री अकंप मति माताजी (ससंघ )आर्यिका भावना मति माताजी (ससंघ) आदि 14 मुनिराज एवं 49 आर्यिकाओ के सानिध्य में धर्म सभा को संबोधित करते हुए *मुनि श्री पवित्र सागर जी* ने कहा कि 2018 ईसवी का अंतिम दिन है कल 2019 ईसवी का प्रथम दिन होगा इसको लोग बड़े उत्साह से मनाते हैं नया क्या है पुराना क्या है यह समझना जरूरी है ।भारतीय संस्कृति के अनुसार नया वर्ष चेत्र सुदी एकम को मनाए। आचार्य श्री कई बार बोलते हैं हमें अपनी संस्कृति इतिहास और पुरातत्व को याद रखना है। भारतीय संस्कृति में सूर्योदय को महत्व दिया गया है। गाय का घी नेगेटिव एनर्जी को दूर करता है। मुनि श्री योग सागर जी ने कहा कि प्रत्येक प्राणी काल के द्वारा परिणमन को प्राप्त हो रहा है। कुंदकुंद स्वामी जी ने ग्रंथों में लिखा है काल के बारे में ।ज्ञानी पुरुष इनसे प्रभावित नहीं होता है। आचार्य श्री जब व्याकरण पढ़ा रहे थे तो बहुत से उदाहरण देते थे। प्रति समय परिणमन हो रहा है नया भी पुराना हो जाता है। पहले हम बालक थे फिर युवा हो गए और वृद्ध हो गए लेकिन आत्मा वही है शरीर बूढ़ा हो रहा है। इसको जो समझता है उसको वैराग्य आता है। जिसको वैराग्य हो जाता है वह चल देता है। मेरे द्वारा यह कार्य हो रहा है ।यह अहंकार है । गुरुओं के मार्गदर्शन से ही घर छूटता है ।वैराग्य की प्राप्ति गुरु वचनों से होती है। आज दोपहर में मुनि संघ मोती नगर शीतल हथकरघा पहुंचे मुनि श्री पूज्य सागर जी ,मुनि श्री विमल सागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी, मुनि श्री अतुल सागर जी मुनि श्री भाव सागर जी ने हथकरघा केन्द्र का अवलोकन किया चर्चा के दौरान मुनि श्री पूज्य सागर जी ने बताया कि भारतीय संस्कृति में अरिहंत ,संत महंत का विशेष महत्व है। हथकरघा के माध्यम से आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने मार्गदर्शन दिया तो बेरोजगारी भी दूर हो रही है और हमारी यह पुरानी संस्कृति फिर से जीवित हो रही है
  3. सागर 26/12/2018 *पाजीटिव एनर्जी हो जाती है* - *मुनि श्री* सागर (मध्यप्रदेश )में *सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य* *ज्येष्ठ मुनि श्री 108 योग सागर जी महाराज (ससंघ) आदि 14 मुनिराज एवं 49 आर्यिकाओ के सानिध्य में आचार्य श्री की पूजन हुई एवं धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री संभव सागर जी ने कहा कि* साधर्मी यदि विपत्ति मे है तो हम उसका संकट दूर करे । जो प्रतिदिन अभिषेक पूजन आदि करता है और वह डिग रहा है तो उसकी मदद करें । आर्थिक या स्वास्थ संबंधी संकट भी आता है तो हम एक दूसरे की परेशानियों में सहयोग करेंगे तो वह संभल सकता है । कई लोग मिलकर बड़े से बड़े वजन को उठा लेते हैं ऐसे ही मिलकर मदद करें । द्रव्य पूजन के साथ भाव पूजा भी होना चाहिए । आजीविका के साधन नहीं है किसी के पास उसमें भी मदद करना यह भी महत्वपूर्ण है। हम सुख और दुख दोनों में साथ रहे । मंदिर के बाहर भी हम कैसे धर्म करें यह आचार्यश्री विद्यासागर जी ने बताया था । आचार्य श्री को किसानों की चिंता भी रहती है। प्राणी मात्र का कल्याण कैसे हो उनको चिंता रहती है । आचार्य श्री ने शांति धारा दुग्ध योजना के लिए प्रेरणा दी जिससे लोगों को शुद्ध दूध घी आदि मिलें किसानों को गाय दान देकर उनको आजीविका मिले और हथकरघा योजना के लिए प्रेरणा मार्ग दर्शन दिया । जिससे बेरोजगारी दूर हो और अहिंसक वस्त्र मिले हैं । सरकार आर्थिक विभागों पर ध्यान तो देती है लेकिन जेल पर ध्यान नहीं देती हैं । लेकिन आचार्य श्री विद्यासागर जी जेल पर ध्यान दे रहे हैं यह महत्वपूर्ण है हथकरघा इको फ्रेंडली है फैमिली फ्रेंडली है यूजर फ्रेंडली है हथकरघा में उपयोग अच्छा लगता है प्रार्थना करते समय कैदी इतनी एकाग्रता में लीन थे। मैंने खुद जाकर देखा हे। उनकी नेगेटिव एनर्जी पॉजिटिव में बदल जाती है । प्राचीन काल में पुरुषों की 72 कलाएं होती थी। आज जॉब में कॉलर तो साफ सुथरी रहती है लेकिन मेहनत नहीं होती है । आज जो भी हथकरघा के अलावा बाजार में वस्त्र आ रहे हैं उसमें *मटनटेलो* नाम का चर्बी युक्त पदार्थ है जो अहिंसक नहीं है । आचार्य श्री विद्यासागर जी ने बचपन मे तीसरी कक्षा में स्कूल में रूई और कतली के माध्यम से टोपी बनाई थी । एक व्यक्ति जिसका 20 लाख का पैकेज था उसने विदेशी नौकरी छोड़ दी आचार्य श्री के प्रवचन सुनकर उसने हथकरघा शुरू किया है। .....................................................................
  4. शारीर - सेहत के सर्वांगीण विकास के लिए महेत्वपूर्ण स्वर्ण धातुयुक्त वेक्सीन शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता को बढाने वाला शरीर की कांति में निखर लाने वाला एलर्जी समस्याओं से छुटकारा देने वाला पाचन शक्ति को विकसित करने वाला अद्वितीय मेघा, बुद्धि को बढाने वाला
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