आचार्य श्री का दीक्षा महोत्सव हम सब के लिए जीवन का एक अनुपम पर्व बनकर उपस्थित होने जा रहा है, इस उत्सव में सहभाग ना केवल हम सबके आनंद की अभिवृद्धि करेगा अपितु हम सबके मन में अपने समय के सर्वोच्च मनीषी की आध्यात्मिक चेतना के साक्षात्कार का निमित्त भी बनेगा।
जैसा कि आप सभी को विदित है कि गुरुदेव की दीक्षा का स्वर्ण महोत्सव अर्थात् 50 वाँ दीक्षा दिवस 28 जून 2017 आ रहा है। हम सबको इसे अलौकिक क्षण को एक महापर्व के रूप में आयोजित करना है।इस शुभ दिन को अविस्मरणीय बनाने के लिए हम सभी बहुत सारे आयोजन कर सकते हैं जैसे हर घर में दीपमालाएँ प्रज्वलित की जाएँ, हर मुनिभक्त श्रावक के निवास स्थान पर जैन ध्वजा लहलहा उठे, संस्थानों में आचार्य श्री के सुंदर चित्र सुशोभित किए जाएँ, नगर नगर और गाँव गाँव में "जैनम् जयतु शासनम्, वंदे विद्यासागरम्" के जयघोष के साथ प्रभात फेरियाँ, चल समारोह निकाले जाएँ, आचार्य छत्तीसी विधान, महा आरती, भक्ति संगीत, भजन कीर्तन संध्या, सांस्कृतिक कार्यक्रम, विद्वान ब्रह्मचारी भाई बहनों के प्रवचनों का आयोजन कर सकते हैं। मुनि संघ अथवा आर्यिका संघ का सान्निध्य मिले तो इन कार्यक्रमों की प्रभावना चौगुनी बढ़ जाएगी।