अखबार की न्यूज क्या है
चंद्रगिरि डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ में विराजमान दिगम्बर जैन आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने कहा कि अखबार वाले दुनिया की खबर तो लेते हैं लेकिन आत्मा से बेखबर रहते हैं। न्यूज का अर्थ होता है नार्थ, ईस्ट, वेस्ट, साउथ, चारों दिषाओं की खबर को न्यूज कहते हैं। आचार्य श्री ने पद्म पुराण का सीता की अग्नि परीक्षा संबंधी प्रसंग सुनाया और कहा कि अग्नि परीक्षा नहीं थी कर्मों की सही परीक्षा थी वह धधकती अग्नि थी और जैसे ही प्रवेष हुआ वह जल कुण्ड में परिवर्तित हो गया सारी जनता देखते रह गयी और राम भी देखते रह गये और भवन की ओर चले गये। यह दृष्य महत्वपूर्ण था। यह पुण्य की परीक्षा थी । दिल्ली वाले टेªन की टिकिट लेकर आये हैं आने जाने की । ऐसे ही जिस भव में जाना है उसकी आयु बंध हो जाता है। रिजर्वेषन जैसा होता है। इसलिये अच्छे कर्म करते रहना चाहिये जिससे हमें देव आयु, मनुष्यायु का बंध हो । आप भगवान से सब कुछ मांगते हो, आज तक ऐसा नहीं सुना कि किसी ने कहा हो कि मेरा पूरा धन ले लो, यह क्यों नहीं कहते। मांगते तो सब कुछ हो देते नहीं हो। आँखे बंद करके ध्यान करो, भक्ति करो भगवान की सब ठीक हो जायेगा । पुण्य के उदय से रोग, शोक, संकट सब दूर हो जाते हैं। यह ध्यान रखे की हमारे कर्म ही सब करते हैं, पुरूषार्थ के द्वारा आयु कर्म को घटा बढ़ा सकते हैं लेकिन परिवर्तन नहीं होता है।
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