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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

मरण आत्मा का उपकारक है !


संयम स्वर्ण महोत्सव

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चंद्रगिरि डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ में विराजमान दिगम्बर जैन आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने कहा कि मरण के द्वारा आत्मा का उपकार होता है । साधारणतया मरण किसी को प्रिय नहीं है तो भी व्याधि (रोग), पीड़ा, शोक आदि से व्याकुल प्राणी को ऋण भी प्रिय होता है । अतः उसे उपकार की श्रेणी में ले लिया । जिसने एक बार भी समाधि मरण किया है, ऐसा जीव अधिक से अधिक 7 – 8 भवों में मुक्ति प्राप्त कर लेता है । सर्वश्रेष्ठ समाधि मरण से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है । अतः मरण भी उपकारक है। जीव परस्पर में उपकार करते हैं । जैसे मालिक मैनेजर को वेतन देकर उपकार करता है, मैनेजर भी ईमानदारी से काम करता है तो बिजनेस (व्यापार) में चार चाँद लग जाते हैं अर्थात मालिक को ज्यादा लाभ होता है। यह मैनेजर का उपकार मालिक के ऊपर है। इसी प्रकार गुरू – षिष्य, भगवान – भक्त आदि करते हैं।

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