Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

मन और इन्द्रियों पर विजय पाना ही जैन धर्म का सार है


संयम स्वर्ण महोत्सव

690 views

राष्ट्र संत आचार्य विद्यासागरजी महाराज ने कहा कि जैन धर्म भावों पर आधारित है। भावों से ही व्यक्ति का उत्थान और पतन होता है। जैन धर्म की परिभाषा बताते हुए उन्होंने कहा कि जैन वह होता है जो मन और इंद्रियों पर विजय पाता है। इंद्रियों को जीतना ही संयम है और संयम व्यक्ति के सच्चे सुख के लिए आधार प्रदान करता है। स्थानीय होटल आकांक्षा के लान में दिगम्बर जैन समाज द्वारा आचार्य विद्यासागर के सानिध्य में चल रहे समवशरण चैबीसी विधान में राष्ट्रीय संत के रूप में एवं गणधर परमेष्ठि के पद पर आसीन गुरूवर ने अपने प्रवचन में धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दमोह जिले के कुंडलपुर तीर्थ क्षेत्र में जब वे प्रवास पर थे तब वे पहाड़ी पर स्थित बड़े बाबा के दर्शन के लिए जा रहे थे तब उन्होंने एक आश्चर्यजनक घटना देखी कि पहाड़ों से थोड़ी देर पहले हुयी वर्षा का जल बड़ी वेग से नीचे आ रहा है और उस वेग में भी विपरीत दिशा में एक मछली तेजी से ऊपर की ओर चली जा रही थी। तथा वह उस पहाड़ की चोटी पर पहुंच ही गयी। उन्होंने इस संबंध में चिंतन किया तो पाया कि बिना हाथ पैर के भी वह मछली केवल अपने आचरण तथा आत्मशक्ति से वहां तक पहुंचने में सफल हुयी। ठीक इसी प्रकार से मानव भी अपने आचरण में सुधार करते हुए स्वयं को आत्मसात कर भगवान बन सकता है। जिस प्रकार लोग अपने धन की रक्षा के लिए तिजोरी में ताला लगाकर चाबी अपने पास जेब में रखते हैं और उसका पूरा ख्याल रखते हैं उसी प्रकार इस मनुष्य के पास रत्नात्रय रूपी अर्थात तप-त्याग एवं संयम का रास्ता है, जिसकी रक्षा उसे अनेकों विरोधों के बावजूद समता एवं क्षमारूपी चाबी से करना चाहिए। वर्तमान में महाराजजी के प्रवचनों में तथा विधान में संभाग व प्रदेश के दिगर जिलों से सैकड़ों लोग यहां पहुंच रहे हैं और धर्म साधना कर रहे हैं।

0 Comments


Recommended Comments

There are no comments to display.

Create an account or sign in to comment

You need to be a member in order to leave a comment

Create an account

Sign up for a new account in our community. It's easy!

Register a new account

Sign in

Already have an account? Sign in here.

Sign In Now
  • बने सदस्य वेबसाइट के

    इस वेबसाइट के निशुल्क सदस्य आप गूगल, फेसबुक से लॉग इन कर बन सकते हैं 

    आचार्य श्री विद्यासागर मोबाइल एप्प डाउनलोड करें |

    डाउनलोड करने ले लिए यह लिंक खोले https://vidyasagar.guru/app/ 

     

     

×
×
  • Create New...