जीवन का निर्वाह नहीं निर्माण करो- आचार्यश्री
प्रवचन : आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज; (डोंगरगढ़) {22 नवंबर 2017}
चंद्रगिरि डोंगरगढ़ में विराजमान संत शिरोमणि 108 आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने कहा कि वृक्ष होता है जिसकी शाखाएं होती है उसमें से पहले कली खिलती है फिर फूल खिलता है फिर उसमें फल आता है। यह एक स्वतः होने वाली प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसी प्रकार यह प्रतिभास्थली है जिसमें ये छोटी-छोटी बच्चियां पढ़ाई के साथ-साथ संस्कार भी ग्रहण कर रही हैं। आप लोगों की संख्या अभी कम है, आप संख्या की चिंता मत करो, आप अपना काम ईमानदारी से मन लगाकर करो तो आपको सफलता अवश्य ही मिलेगी और आप के नये सखा मतलब आपके नये मित्र भी यहां आएंगे और आपकी संख्या भी बढ़ जायेगी।
यहां इन बच्चों की पढ़ाई और संस्कार के लिए समाज का सहयोग मिलना आवश्यक है और इनकी शिक्षिकाएं भी अपने कर्तव्यों का पालन बहुत अच्छे से कर रही है। यहां पैसों का उतना महत्व नहीं है। आप लोग कहते है न कि पैसा तो हाथ का मैल है, इसे निर्मल करने का इससे अच्छा और कोई उपाय नहीं है। समाज को इसके लिए हमेशा उत्सुक रहना चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार यहां अपने पैसों का सदुपयोग करना चाहिये। यहां बच्चों का निर्वाह नहीं निर्माण हो रहा है जो भविष्य में इसे और आगे पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ाते रहेंगे। आप लोगो का प्रयास सराहनीय है और आगे भी आप लोग ऐसा ही सहयोग इन बच्चों को देंगे जिससे यह कार्य आगे चलता रहेगा व बढ़ता रहेगा।
यह जानकारी चंद्रगिरि डोंगरगढ़ से निशांत जैन (निशु) ने दी है।
0 Comments
Recommended Comments
There are no comments to display.
Create an account or sign in to comment
You need to be a member in order to leave a comment
Create an account
Sign up for a new account in our community. It's easy!
Register a new accountSign in
Already have an account? Sign in here.
Sign In Now