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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
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गुणालय में - आचार्य विद्यासागर जी द्वारा रचित हायकू १‍३


संयम स्वर्ण महोत्सव

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haiku (13).jpg

 

गुणालय में,

एकाध दोष कभी,

तिल सा लगे।

 

भावार्थ-तिल बेदाग होता है। गोरा मुख है और एक गाल पर काला तिल है तो वह सुन्दर नहीं लगता । उसीप्रकार गुणों का खजाना भरा है परन्तु द्वेष भाव विद्यमान है तो वह सर्वांग सुन्दर शरीर में तिल के समान है। श्रामण्य में थोड़ा-सा दोष क्षम्य है लेकिन भूमिका के अनुरूप उसका भी उन्मूलन होना चाहिए । 

आर्यिका अकंपमति जी 

 

हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।

 

आओ करे हायकू स्वाध्याय

  • आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं।
  • आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं।
  • आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं।

लिखिए हमे आपके विचार

  • क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं।
  • इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?

2 Comments


Recommended Comments

गुणालय में,

एकाध दोष कभी,

तिल सालगे।

Vastu anant gunatmak hai . Hamara Jeev Dravya GUno ka samooh hai. Usme Dhroov to sada he shudh rahata hai aur  dhroov me isthit anant guno ki satven Gun isthan ke shudhopayogi sadhak main ek sath ek samay me jis paryay main vayaktata hoti hai usme  kuchh  dosh sadhak ko anubhaw hota hai wah til ke saman sukshma he anubhav hota hai.  

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गुण रहते हैं जहाँ ऐसा पवित्र स्थान क्या हो सकता है जीव के सिवाय। गुणों की प्राप्ति के लिये की गई कठोर तपस्या क्या केवल गुण प्राप्ति  में ही सहायक बनती है या मान कषाय  आदि रहित सम्पूर्णता को पा लिया जाना इतना आसान दिखाई देता हैं । सत्य वचन है मान की मन मे उठने वाली हल्की सी भी तरंग गुण युक्त जीव में तिल के सामान अखरती है। जिस प्रकार चाँद पर उभरी हल्की काली रेखायें उसी प्रकार नर तन पर एक  छोटा सा तिल सुंदरता को नष्ट करता प्रतीत होता है ठीक उसी प्रकार भव सागर से पार उतरने के लिये की गईं कठोर परिश्रम की कमाई हल्के से मान से धूमिल होती प्रतीत होती है तब कहना न होगा कि अभी पूर्व संस्कारो को मिटाने के लिये और अधिक गहन ध्यान की आवश्यकता है।

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