अहिंसा स्थली (इक़बाल मैदान)
गुरुवर ने कहा कि तालाब में कंकर फेंकते हैं तो नीचे की और चला जाता है। लकड़ी बजनदार होती है फिर भी नहीं डूबती है,जबकि उसमें गाँठ भी होती है। जिसके भीतर पकड़ नहीं है बो तैरता रहता है छोटा डूब जाता है। लकड़ी पानी में गलती नहीं है और पत्थर गल जाता है। पानी के जहाज में नीचे लकड़ी लगाई जाती है और उसी बजह से जहाज डूबता नहीं है। हमें भी लकड़ी की तरह बनना है ताकि हम संसार सिंधु में डूबें नहीं। ऊपर देखता हूँ तो भगवान दिखते हैं नीचे देखता हूँ तो होनहार भगवान दिखते हैं। आप सभी में भगवान बनने के गुण विद्यमान हैं स्वयं अपने निर्णय से पुरुषार्थ करने पर ही ऊपर बाले भगवान के समक्ष पहुंचा जा सकता है।
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