Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

संत प्रभावित नहीं होते


संयम स्वर्ण महोत्सव

207 views

जैन संत आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ने कहा है कि पानी गरम हो सकता है, बरफ नहीं, इसी प्रकार मनुष्य प्रभावित होता है, संत या मुनि नहीं।

 

उन्होंने कहा कि जल का स्वभाव शीतलता है, लेकिन वह कुछ समय के लिए गरम हो सकता है। उसमें गरम होने की क्षमता है। लेकिन यदि वह बरफ बन जाए तो उसे गरम नहीं किया जा सकता। इसी प्रकार मनुष्य कुछ समय के लिए प्रभावित हो सकता है, उसमें प्रभावित होने की पात्रता है, लेकिन मनुष्य एक बार सच्चा संत बन जाए तो उसे प्रभावित नहीं किया जा सकता। क्योंकि वह आत्मा में रमण करता है। आचार्यश्री ने कहा कि तीन लोक की शक्तियां भी सच्चे मुनि को पिघला नहीं सकती। क्योंकि उनके ज्ञान में ऐसे शक्तियां होती है। आप कितना ईंधन व्यय कर लो वे पिघलने वाले नहीं है। आत्मा का स्वभाव ऐसा है कि जो इसे महसूस करता है वह बर्फ की तरह उसमें जम जाता है। आचार्यश्री ने कहा कि गर्मी और ठंड में अंतर है। गर्मी सहन की जा सकती है, लेकिन बर्फ को सहन करना मुश्किल है। लेकिन याद रखना कि बर्फ की चटक लाभप्रद भी होती है। शरीर में सूजन हो जाने पर गरम सिकाई से ज्यादा लाभ बर्फ की सिकाई से होता है। 

 

0 Comments


Recommended Comments

There are no comments to display.

Create an account or sign in to comment

You need to be a member in order to leave a comment

Create an account

Sign up for a new account in our community. It's easy!

Register a new account

Sign in

Already have an account? Sign in here.

Sign In Now
  • बने सदस्य वेबसाइट के

    इस वेबसाइट के निशुल्क सदस्य आप गूगल, फेसबुक से लॉग इन कर बन सकते हैं 

    आचार्य श्री विद्यासागर मोबाइल एप्प डाउनलोड करें |

    डाउनलोड करने ले लिए यह लिंक खोले https://vidyasagar.guru/app/ 

     

     

×
×
  • Create New...