Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • entries
    108
  • comments
    3
  • views
    23,502

Contributors to this blog

बेटियां एक कोहिनूर - 71 वां स्वर्णिम संस्मरण


संयम स्वर्ण महोत्सव

420 views

आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के श्री मुख से बेटियों के बारे में कहा गया यह पौराणिक कथन हर पिता के भाग्य मे बेटी नहीं होती राजा दशरथ जब अपने चारों बेटों की बारात लेकर राजा जनक के द्वार पर पहुँचे तो राजा जनक ने सम्मानपूर्वक बारात का स्वागत किया। तभी दशरथ जी ने आगे बढकर जनक जी के चरण छू लिये। चाॅककर जनक जी ने दशरथ जी को थाम लिया और बोले महाराज आप मुझसे बड़े है और तो और वरपक्ष वाले है ये उल्टी गंगा कैसे बहा रहे हैं .....?

 

इस पर दशरथ जी ने बड़ी सुंदर बात कही, महाराज आप दाता हो कन्यादान कर रहै हो, मैं तो याचक हूँ आपके द्वार कन्या लेने आया हूँ, अब आप ही बताऔ दाता और याचक में बड़ा कौन है ,? यह सुनकर जनक जी की आखो मे अश्रुधारा बह निकली..... || भाग्यशाली है वो लोग जिनके घर में होतीं है बेटियाँ, हर बेटी के भाग्य मे पिता होता है लेकिन हर पिता के भाग्य मे बेटी नहीं होती ||

0 Comments


Recommended Comments

There are no comments to display.

Create an account or sign in to comment

You need to be a member in order to leave a comment

Create an account

Sign up for a new account in our community. It's easy!

Register a new account

Sign in

Already have an account? Sign in here.

Sign In Now
  • बने सदस्य वेबसाइट के

    इस वेबसाइट के निशुल्क सदस्य आप गूगल, फेसबुक से लॉग इन कर बन सकते हैं 

    आचार्य श्री विद्यासागर मोबाइल एप्प डाउनलोड करें |

    डाउनलोड करने ले लिए यह लिंक खोले https://vidyasagar.guru/app/ 

     

     

×
×
  • Create New...