कर्म कैसे करें? मार्च 2023 प्रतियोगिता क्रमांक 1 परिणाम
प्रथम पुरस्कार
द्वितीय पुरस्कार
तृतीय पुरस्कार
कुसुम जैन मंदसौर
बहुत सुंदर लगी महाराज जी विचार पढ़ने को मिले सही मायने में हम बहुत बड़ी ग़लती करते हैं जानते हैं कि जैसे कर्म करेंगे फल भी वैसा ही मिलेगा फिर भी करते जाते हैं और बुरे फल भोगते हैं
Ruchi Bhandari (Pune)
In chapter 12 Maharaj shri has said that feeling happy at someone's hurt, pain sadness etc is the worst kind of bad karma that one can generate. This is so true. It shows the importance of being empthatic towards others whether humans or other living beings; That hurting anyone is going to hurt us more than we can think of.
अरुण श्री जैन सवाईमाधोपुर
अच्छी लगी प्रतियोगिता कर्म कैसे करे इसका ज्ञान इस प्रतियोगिता के माध्यम प्राप्त हुआ हमेशा अच्छे कर्म ही करना चाहिए बुरे कर्म से नरक जाने का रास्ता बनता है
Dr Saroj Jain Gujrat
पूज्य मुनि श्री क्षमा सागर जी के कर्म सिद्धांत संबंधी प्रवचनों पर आधारित यह प्रतियोगिता बहुत अच्छी है। एक लंबी प्रतीक्षा के बाद इस प्रतियोगिता को पुनः प्रारंभ किया गया ,अत्यधिक प्रसन्नता हुई।हमारी भावना हैं कि इस तरह की प्रतियोगिताएं निरंतर चलती रहें ताकि हम अपने जीवन को एक अच्छी दिशा दे सकें।
Seema jain Garhakota
प्रतियोगिता आयोजित कर आपने बहुत हीसार्थक प्रयास किया ।साधुवाद।स्वाध्याय करने का सुअवसर प्राप्त हुआ।मुनि श्री क्षमासागर जी ने बहुत ही सरल शैली मे कर्म सिद्धांत को समझाया है।
Sandhya Jain Bargi, Jabalpur
"Muni Shri ke pravachan aacharan mein laane yogya hain hamari yahi prathna hai inke pravachan se hamen Sambhal milta rahe
सौ. सपना जितेंद्र लोहाड़िया (jain) खंडवा (मध्य प्रदेश )
अतिशय मार्मिक इतने करीब से अपने कर्मो के बारे में सोचने के लिए शायद प्रथम बार अवसर मिला 🙏🏻🙏🏻🙏🏻धन्य धन्य गुरुवर की वाणी धन्य धन्य जैन धर्म 🙏🏻
ashokJain Bhopal
प्रतियोगिता बहुत ही उपयोगी लगी। यह सिर्फ एक प्रतियोगिता ही नही बल्कि जीवन मे क्या महत्वपूर्ण है ये भी पता चला। स्वाध्याय करके जाना की हम क्या करते है या क्या किया है उन सब का फल हमे मिलेगाऔर उसी का फल हमे मिला है ।
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