आचार्य विद्यासागर की प्रेरणा से पहली बार दिया हिंदी में निर्णय
*आचार्यश्री के दर्शन करने पहुंचे मप्र उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति वीरेंदर सिंह
*न्यायमूर्ति ने कहा कि अब अधिकांश सुनवाई भी हिंदी में करेंगे
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति वीरेंदर सिंह ने मंगलवार को आचार्यश्री विद्यासागर से भेंट की और कहा कि आपकी प्रेरणा से पहली बार हिंदी में निर्णय दिया। अब अधिकांश सुनवाई हिंदी में ही हो रही है।
। न्यायमूर्ति सिंह ने आचार्यश्री से चर्चा में बताया कि वर्ष 2016 में पहली बार आपके दर्शन भोपाल में किए थे। उस दिन आपने कहा था कि हिंदी भाषा में अधिक से अधिक कार्य करें। आपकी प्रेरणा पर अब मैंने क्रियान्वयन किया है। वर्ष 2020 के हिंदी दिवस से मेरी बेंच में होने वाली अधिकांश केस की सुनवाई हिंदी में हो रही है। गत दिनों एक मामले का निर्णय भी मैंने हिंदी में दिया था।
इस पर आचार्यश्री ने कहा कि हमारा देश भारत गांवों में बसता है। देश की अधिकांश जनता अंग्रेजी नहीं समझती है। इसलिए देश के न्यायिक और प्रशासनिक कार्य हिंदी में होने चाहिए। इससे जिसके पक्ष में फैसले होंगे, वे लोग आसानी से समझ सकेंगे। आचार्यश्री ने कहा कि 200 साल पहले हमारे देश में अंग्रेजी नहीं थी, तब क्या हम उन्नाति नहीं कर रहे थे। विश्व में अनेक ऐसे देश भी हैं, जिन्होंने अपनी भाषा को नहीं छोड़ा है। वे देश भी आज के समय उन्नाति कर रहे हैं। इसके बाद फिर आचार्यश्री ने आशीर्वाद स्वरूप न्यायमूर्ति सिंह को धार्मिक पुस्तक दी।
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