Jump to content
सोशल मीडिया / गुरु प्रभावना धर्म प्रभावना कार्यकर्ताओं से विशेष निवेदन ×
नंदीश्वर भक्ति प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • entries
    108
  • comments
    3
  • views
    23,390

Contributors to this blog

  गुरु होकर भी लघु बने रहना - संस्मरण क्रमांक 3


संयम स्वर्ण महोत्सव

442 views

???????????
??? संस्मरण क्रमांक 3 ???
  गुरु होकर भी लघु बने रहना
 एक बार  भोपाल में आचार्य श्री जी के दर्शन करके अत्यंत भावविभोर होकर किसी भक्त ने  कह दिया कि- पंचम काल की काया पर चतुर्थ काल की आत्मा।  
जिसे सुनकर आचार्य श्री जी ने कहा कि- आप कह सही रहे हो , पर एक सुधार करना है कि पंचम काल की तो काया है , पर अनंत काल की आत्मा  ये आत्मा अनादि काल से संसार मे भटक रही है , फिर आप कैसे कह सकते है कि चतुर्थ काल की आत्मा 
लोगो को सुनकर आश्चर्य हुआ और सभी गुरुजी के प्रति समर्पण भाव से भर गए ।
 वास्तव में आचार्य श्री जी हमेशा अपने आप को बहुत ही लघु मानते है , जब भी कोई कार्य करते है , तो कहते है , सब गुरुजी (ज्ञानसागर जी) की कृपा से हो गया। 
धन्य है ऐसे गुरुजी के काल मे हमे जन्म लेने का अद्वितीय सौभाग्य मिला।
???????????  समस्त स्वर्णिमसंस्मरण परिवार
???????????

0 Comments


Recommended Comments

There are no comments to display.

Create an account or sign in to comment

You need to be a member in order to leave a comment

Create an account

Sign up for a new account in our community. It's easy!

Register a new account

Sign in

Already have an account? Sign in here.

Sign In Now
  • बने सदस्य वेबसाइट के

    इस वेबसाइट के निशुल्क सदस्य आप गूगल, फेसबुक से लॉग इन कर बन सकते हैं 

    आचार्य श्री विद्यासागर मोबाइल एप्प डाउनलोड करें |

    डाउनलोड करने ले लिए यह लिंक खोले https://vidyasagar.guru/app/ 

     

     

×
×
  • Create New...