जो जहां था, वहीं से चल दिया आचार्य श्री का आशीर्वाद लेने
जो जहां था, वहीं से चल दिया आचार्य श्री का आशीर्वाद लेने उनके पीछे-पीछे
आचार्य विद्यासागर महाराज अचानक मंगलवार को दोपहर भाग्योदय तीर्थ परिसर से निकले तो उनके विहार की पूरे शहर में खबर उड़ गई। जिसको जहां कही यह जानकारी मिली। वह आचार्य श्री की एक झलक पाने अपनी दुकान, कार्यालय और घर से बाहर निकल पड़ा, मोबाइल पर एक-दूसरे से जानकारी ले कर आचार्यश्री के पीछे चल पड़ा। वहीं आचार्य श्री ससंघ तेजी से अपने कदम बढ़ाते हुए शहर के प्रमुख मार्गो से होते हुए केंद्रीय जेल पहुंचे। जेल के मुख्य गेट पर हजारों की संख्या में एकत्र हो चुके महिला, पुरुष और युवाओं का हुजूम ने अाचार्य श्री के जयकारे लगाए। विद्यासागर महाराज की एक झलक पा लेने के बाद भी लोग उनकी वापसी की रात तकते-तकते पूरे डेढ़ घंटे जेल के बाहर खड़े रहे। ब्रह्मचारिणी भी वहीं खड़ी रहीं। वर्णी कालोनी क्षेत्र की महिलाएं दर्शन करने घर से दौड़ते हुए पुरानी गल्ला मंडी के चौराहे पर पहुुंंची तो निराशा हाथ लगी। महिलाएं दर्शन करने ऑटो रिक्शा पर बैठ कर गोपालगंज होते हुए जेल के बाहर पहुंच गई। जहां डेढ़ घंटे बाद दर्शन करने का अवसर मिला।
आचार्य श्री के पांव पखारे - जेल के अंदर जेल अधीक्षक, जेलर, डाक्टर और स्टाफ सहित कैदियों ने आचार्य श्री के पांव पखारे। इससे पहले विद्यासागर महाराज ने हथकरघा यूनिट, जेल का विडियो कांफेंस रूम, जमीन पर बनाया गया भारत नक्शा देखा। वहीं जेल की बैरकों में बंद कैदी खिड़कियों के सीखचें से आचार्य श्री को बड़े कोतूहल से निहार रहे थे। यूनिट के लिए 5 लाख दान करने की घाेषणा जैन समाज के एक श्रृद्धालु ने की । वहीं आउट लेट और चलित शोरुम के लिए जेल प्रशासन ने 10 लाख की डिमांड की है।
आचार्य श्री बोले जैसे यह हथकरघा सागर में नहीं मुंबई में खुला हो - आचार्य श्री ने शीतल हथकरघा के लूमों का भी अवलोकन किया। काम कर रहे लोगों की तरफ मुस्कराते हुए देखा और बोले शहर के और लोगों को ऐसे हथकरघा खोलना चाहिए। शीतल हथकरघा को देख कर विद्यासागर महाराज ने कहा ऐसा लग रहा है जैसे यह हथकरघा सागर में नहीं मुंबई में खुला हो। इस अवसर पर किरण जैन ज्योति जैन, नीलू जैन आदि ने आचार्य श्री पाद प्रच्छालन कर आरती उतारी।
झलक पाने डेढ़ घंटे व्हील चेयर पर बैठे बैठे की प्रतीक्षा - आचार्य श्री के दर्शन करने के लिए दमाेह से अपनी बीमार प|ी कमला देवी के साथ भाग्योदय पहुंचे एन के जैन को जैसे ही आचार्य श्री के जेल की आेर जाने की जानकारी हुई। वह प|ी को लेकर सीधे जेल गए। जहां गेट के बाहर उनकी प|ी करीब डेढ़ घंटे धूप में व्हील चेयर पर बैठी रही। शाम 4.35 बजे आचार्य श्री गेट से बाहर निकले तब जा कर उनकी एक झलक मिल सकी। इसी तरह डाक्टर, वकील, इंजीनियर तक आचार्य श्री की झलक पाने के लिए जेल पहुंच गए।
गोपालगंज से आईजी आफिस तक का रोड दो घंटे बंंद रहा : गोपालगंज में भारत चौक से लेकर तहसीली में आई आफिस तक बड़े एवं भारी वाहनों के प्रवेश पर पुलिस ने रोक लगा दी थी। सारे वाहन आई आफिस के बाजू से निकले। जेल के सामने वाली रोड पर आचार्य श्री के दर्शन करने वालों की भीड़ लगी रही।
मुनि समय सागर महाराज ससंघ जरूआखेड़ा पहुंचे - मुनि समय सागर महाराज 14 मुनियों के संघ के साथ खुरई से बिहार करते हुए मंगलवार को शाम जरुआखेड़ा पहुंचे। मुनि संघ के 7 फरवरी को सागर पहुंचने की संभावना है।
मूक बधिर बच्चों से भी मिले आचार्य श्री - घरौंदा संस्था की संचालिका प्रीति यादव मंगलवार को 10 मूक बधिर बच्चों के साथ भाग्योदय पहुंची और आचार्य श्री को श्रीफल भेंट किया। आचार्य श्री बच्चों से मिले और आर्शीर्वाद दिया। बच्चों के साथ चंदू शुक्ला, सुकुमाल जैन, संतोष जैन कई लोग थे।
आचार्य श्री की 22 आर्यिकाओं ने की अगवानी - आर्यिका अनंतमति माताजी ने आचार्य संघ की की अगवानी आचार्य श्री जब जेल से हथकरघा यूनिट देखने के बाद भाग्योदय लौट रहे थे तो बांदरी से बिहार कर सागर पहुंची आर्यिका अनंतमति माताजी और आर्यिका भावना मति माताजी सहित सभी 22 माताजी ने आचार्य संघ की अगवानी की और आचार्य श्री ने सभी माता जी को आशीर्वाद दिया।
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