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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

पांच इंद्रियां तो सीमा में रहती हैं लेकिन मन का कोई ठिकाना नहीं : आचार्य विद्यासागर


Vidyasagar.Guru

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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय तीर्थ में सोमवार को धर्म सभा में कहा कि मनुष्य पांच इंद्रीय होते हैं और सीमा में रहते हैं। स्थान छोड़कर भी नहीं जा सकते हैं। मन भी एक इंद्री है लेकिन वह घोषित नहीं है और इस मन का कोई ठिकाना नहीं है। मन को पकड़ना किसी के वश की बात नहीं है। आचार्य श्री ने कहा कि मन के विषय का कोई ठिकाना नहीं है। कहीं रूप में, कहीं गंध में तो कभी खाने और विषयों में मन कब कहां चला जाए, इसे कोई रोक नहीं सकता है। जिसने मन को मना लिया वह संयम के मार्ग पर जा सकता है। 

आचार्य श्री ने कहा कि अणुव्रत के माध्यम से आगे बढ़ना चाहिए, दान देने पर आप हल्कापन महसूस करोगे और अगले जीवन में इसका लाभ मिलेगा मोक्ष मार्ग भी प्राप्त हो सकता है |

आचार्य श्री जी ने कहा हर क्षेत्र में हमें संयम की आवश्यकता है हर काम चाहिए लेकिन धार्मिक क्षेत्र में ज्यादा संयम की आवश्यकता है। 

सोमवार को सुबह आचार्य श्री के पूजन पूर्व पादप्रक्षालन का अवसर डॉ चक्रेश जैन, दीपक जैन,शैलेंद्र जैन, कपिल बरोदा, रितेश जैन, संजय जैन को मिला। आचार्य श्री की आहारचर्या अरुण जैन ताले वाले रविकांता जैन, सर्वतोभद्र जिनालय के ट्रस्टी अनूप जैन रूपाली जैन अंसुज जैन के चौके में हुई इस अवसर पर ताले वाले परिवार ने बड़ी प्रतिमा भाग्योदय में विराजमान कराने की घोषणा की । इनके छोटे भाई जयकुमार जैन ने एक छोटी प्रतिमा जिनालय में विराजमान कराने की घोषणा की रविकांता जैन ने सोने की चेन,शालिनी जैन की दादी ने 2 तोला सोना, राहुल जैन मोकलपुर एक अंगूठी और रेखा जैन ने एक सोने का कडा मंदिर के निर्माण में दान देने समर्पित किया। सर्वतोभद्र जिनालय निर्माण में अशोक जैन ठेकेदार और उनके परिवार ने एक बड़ी प्रतिमा विराजमान कराने की घोषणा की। सहस्त्रकूट जिनालय में प्रतिमा विराजमान करने की घोषणा 25 श्रद्धालुओं ने की। एक हजार आठ प्रतिमाओं में से लगभग 900 से अधिक दानदाताओं द्वारा मूर्ति विराजमान कराने की घोषणा की गई है। संचालन मुकेश जैन ढाना ने किया। 

तीर्थ परिसर में देखा सर्वतो भद्र जिनालय का निर्माण कार्य 

सागर | भाग्योदय तीर्थ परिसर में बन रहे सर्वतोभद्र जिनालय का काम देखने सोमवार को दोपहर 2 बजे आचार्यश्री विद्यासागर महाराज निर्माण स्थल पर पहुंचे। मंदिर की नींव का काम अंतिम चरण में है। आचार्य श्री ने मंदिर के ट्रस्टियों देवेंद्र जैन , मुकेश जैन ढाना, आनंद जैन, सट्टू जैन कर्रापुर, राजेश जैन , पप्पू प्रदीप जैन , प्रकाश जैन ,अनूप जैन आदि से निर्माण कार्य की जानकारी ली। इस मौके पर निर्माण करा रहे इंजीनियर राहुल यादव,कपिल ठाकुर,अनिल नामदेव, राजेश मथुरिया, प्रभु विश्वकर्मा, दीपाली पटेल और मिस्त्री-मजदूरों व वाहन चालकों को आचार्य श्री ने आशीर्वाद दिया। भाग्योदय तीर्थ में चतुर्मुखी जिनालय का निर्माण कार्य चल रहा है। 216 फीट ऊंचे इस मंदिर में तीन गर्भ ग्रह होंगे। 12 चौबीसी में 288 प्रतिमाएं विराजमान होगी। 

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