माता-पिता का बच्चों के प्रति कर्त्तव्य
बाल बालिकाओं को शिक्षा दिला सुयोग्य बना देना।
माता-पिता का काम उन्हें व्यसनों से सदा बचा लेना॥११८॥
किन्तु आज रह गया सिर्फ कर देना उनकी शादी का।
यह ही सबसे पहला कारण समाज की बरबादी का॥
जो भी हों कर रहे आप से उन्हें वही करने देना।
अनुशासन का लाड़ चाव में कुछ भी नहीं नाम लेना॥ ११९॥
बालपन है चलो अभी यों कहकर टाल बता देना।
उनकी बुरी वासनाओं को पहले तो पनपा लेना॥
जब वे पकड़ गई जड़ तो फिर कैसे कहो दूर होवें।
यों उनके दुश्मन बन करके अपने आप सदा रोवें॥१२०॥
जननी और जनक कहलाने वालों का विवेक ऐसा।
लड़के लड़की कहलाने वालों का चाल चलन कैसा॥
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