सत्संगति का सुफल
एक बार की बात है, एक बहेलिया दो तोते लाया। उनमें से उसने एक तो किसी वेश्या को दे दिया और दूसरे को एक पण्डित जी के हाथ बेच दिया। थोड़े दिन के बाद वेश्या एक रोज महफिल करने राज दरबार में पहुंची। उसका तोता उसके हाथ में था सो पहुंचते ही राजा के सम्मुख अनेक प्रकार के भण्ड वचन सुनाने लगा। राजा को गुस्सा आया और उसने हुक्म दिया कि इसे मार डाला जावे। तोता बोला - हुजूर! मैं मारा तो जाऊँगा ही परन्तु इससे पहले मुझे मेरे भाई से मिला दीजिये। राजा ने कहा तेरा भाई कहाँ है? तोते ने कह
हम उन्न्नत कैसे बनें?
पानी से पूछा गया कि तुम्हारा रंग कैसा है? उत्तर मिला कि जैसा रंग का सम्पर्क मिल जावे वैसा। अर्थात् पानी पीले रंग के साथ में घुलकर पीला, तो हरे रंग के साथ में घुलकर हरा बन जाता है। ऐसा ही हाल इस मनुष्य का भी है। इसको प्रारम्भ से जैसे भले या बुरे की संगति प्राप्त होती है वैसा ही वह खुद हो जाया करता है।
अभी कुछ वर्षों पहले की बात है- लखनऊ के अस्पताल में एक प्राणी लाया गया था जो कि अपनी चाल-ढाल से भेड़िया बना हुआ था, परन्तु वस्तुत वह मनुष्य था। जो कि कच
श्री
कर्तव्य पथ - प्रदर्शन
इष्ट स्तवनम्
कर्तव्य पथ हम पामरों के लिए भी दिखला रहे।
हो आप दिव्यालोकमय करूणानिधे गुणधाम हे॥
फिर भी रहें हम भुलते भगवान् स्वकीय कुटेव से।
इस ही लिये इस घोर संकटपूर्ण भव वन में फंसे॥
मनुष्य की मनुष्यता - माता के उदर से जन्म लेते ही मनुष्य तो हो लेता है फिर भी मनुष्यता प्राप्त करने के लिये इसे प्रकृति की गोद में पलकर समाज के सम्पर्क में आना पड़ता है। वहां इसे दो प्रकार के सम्पर्क प्राप्त होते हैं- एक तो इसका बिगाड़ करने व
आमंत्रण पत्र
परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ सानिध्य में परम पूज्य महाकवि "आचार्य ज्ञानसागर जी" के समाधी दिवस प्रसंघ पर उनकी अनुपम कृति "जयोदय महाकाल" पर आयोजित
विव्दत्त संगोष्ठी - आप सदर सविनय आमंत्रित है | कृपया पधारकर पुण्यार्जन में सहभागी बनें |
दिनांक - १४,१५ - मई - २०१८ प्रात : ७ बजे से
स्थान - अतिशय क्षेत्र पपौरा जी
निवेदक:
क्षेत्र प्रबंधकारिणी समिति
सकल जैन समाज टीकमगढ़
संयम स्वर्ण महोत्सव समिति
आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज ने पपौराजी में प्रवचन में कहा कि वर्षों पूर्व यहां हमारा चातुर्मास हुआ था। उसका स्मरण ताजा हो रहा है। आपकी बहुत सालों से भावना थी आशीर्वाद की। आज की प्रात:काल की पूर्णिमा के मंगल अवसर पर इंदौर में भी आर्यिका के सान्निध्य में शिलान्यास होने जा रहा है। वे लोग यहां के शिलान्यास का स्मरण कर रहे हैं। कार्य वहां का भी सानंद संपन्न हो जाए, आशीर्वाद उनका मिल रहा है।
महाराजश्री ने कहा कि गुरुजी ने संघ को गुरुकुल बनाने का कहा था। यहां से धर्म-ध्यान मिलता है। हमें गुरुजी
2000 लोग सभी राजनेतिक पार्टी के नेता आचार्य श्री विद्यासागर पदयात्रा आज क्षेत्रपाल जैन मंदिर से पपौरा जी के लिए हुई रवाना। आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज के संबोधन के बाद जिलाधिकारी श्री मानवेन्द्र सिंह ने झंडी दिखा किया रवाना। आज ललितपुर से पपौरा जी की पद यात्रा प्रारंभ हुयी जिसमे सर्व समाज ने बढ़चढ़ कर हिस्सेदारी ली। प्रमुख गणमान्य लोगों मे श्री गुड्-डू राजा बुन्देला, पं राम स्वरुप देवलिया, मु.जलील जल्लू चच्चा, अजीज कुरेशी, तिलक यादव, हरदयाल सिंह लोधी, ज्योति सिंह लोधी, कल्पनीत सिंह, दुर्गा प्
निर्मलकुमार पाटोदी,इंदौर :
वर्षों पूर्व यहाँ हमारी चातुर्मास हुआ था। उसका स्मरण ताज़ा हो रहा है। आपकी बहुत सालों से भावना थी, आशीर्वाद की। आज की प्रात:काल की पूर्णिमा के मंगल अवसर पर इंदौर में भी आर्यिका के सानिध्य में शिलान्यास होने जा रहा है। वे लोग यहाँ के शिलान्यास का स्मरण कर रहे हैं। कार्य वहाँ का भी सानंद सम्पन्न हो जाए, आशीर्वाद उनके मिल रहा है। गुरु जी ने संघ को गुरुकुल बनाने का कहा था। यहाँ से धर्म-ध्यान मिलता है। हमें गुरु जी का जो आशीर्वाद मिला है, वरदान मिला है। गुरु जी की की ज
जैसा कि आप सभी को विदित ही है, अतिशय क्षेत्र श्री पपौरा जी जिला टीकमगढ़ में पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से सहस्त्रकूट जिनालय एवम प्रतिभा स्थली का निर्माण किया जा रहा है। इस हेतु दिनांक 29 अप्रैल को प्रातः 7 से 9:30 बजे तक शिलान्यास कार्यक्रम बहुत ही उत्साह एवम भक्तिमय रूप में सम्पन्न होगा।
प्रतिष्ठाचार्य ब्र श्री सुनील भैया जी इंदौर समस्त मांगलिक क्रियाएं सम्पन्न करेंगे।
प्रवन्धकारिणी समिति द्वारा देश भर के साधर्मीजन को शिला रखने एवम कार्यक्रम में उपस्थित रहने हेत
परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का आज भव्य मंगल प्रवेश अतिशय क्षेत्र श्री पपोरा जी जिला टीकमगढ़ में भक्तों के अपार उत्साह और अत्यंत भक्ति भाव के साथ हुआ! प्रस्तुत है ऐसी झलकियाँ जिन्हें हर कोई जानना चाहेगा !
आज प्रातः लगभग 7 बजे से ही पूज्य आचार्य संघ की अगवानी का क्रम शुरू हुआ ! यहाँ अब तक का सबसे बड़ा इतिहास रचा गया ! लगभग साडे चार कि.मी. लम्बी शोभा यात्रा में देश भर के करीब 1 लाख श्रद्धालु सामिल हुए! भक्तो का सैलाब इस कदर था कि सब ओर, कोई ओर छोर दिखाई ही नही दे रहा था ! पूज्य
आज का अतिशय
ग्राम समर्रा जैन मंदिर में 3 महीने से कुएं में पानी नहीं है गुरुदेव के आने से कल थोड़ा सा पानी आया और आज सुबह 3 फुट हो गया और सब चौका में पानी मंदिर के कुआॅ से गया
अपराजेय साधक अन्तर्यात्री महापुरुष दिगम्बराचार्य 108 श्री विद्यासागर जी महामुनिराज का 50वां संयम स्वर्ण महोत्सव दिनांक 15 अप्रैल को देश की राजधानी नई दिल्ली में आचार्य श्री के आज्ञानुवर्ती शिष्यों के सान्निध्य में भव्य तरीके से मनाया गया। कार्यक्रम के मंगल प्रेरणा स्त्रोत मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज तथा मुनि श्री प्रमाणसागर जी महाराज थे।
सी बी डी ग्राउंड, करकरडूमा में आयोजित इस कार्यक्रम में आचार्य श्री के शिष्य मुनिश्री प्रणम्य सागर जी महाराज, मुनिश्री चंद्र सागर जी महाराज, मुनि श्री
प्रकाश अदावन शाहगढ़ - महामुनिराज आचार्य विद्यासागर महाराज सत्संग का पदार्पण सोमवार को हीरापुर में हुआ। पपौरा की ओर बढ़ रहे महामुनिराज की आगवानी और उनके चरणों का पाद प्रक्षालन करने सभी समुदाय के लालायित लोग झलक और उनका आशीर्वाद पाने के लिए हजारों की संख्या में महिलाएं पुरुष एकत्रित हुए। हीरापुर के मुख्य बाजार में बनाए गए मंच पर विराजमान महामुनिराज ने अपनी मंगल वाणी में शाहगढ़ के हीरापुर की खूबिया गिनाकर गांव की प्रशंसा की। आचार्य श्री ने कहा कि गांव के बने मकानों में अभी भी झुककर अंदर जाना पड़ता ह
सागर - दमोह से जैन तीर्थक्षेत्र पपौरा जी की ओर बिहार कर रहे आचार्य श्री विद्यासागर महाराज की हीरापुर में हजारों लोगों ने भव्य अगवानी की और उन्हें श्रीफल अर्पित कर आशीर्वाद लिया
मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि आचार्य श्री का 30 मार्च से लगातार बिहार डिंडोरी जबलपुर दमोह होकर चल रहा है आचार्य श्री अब तक लगभग 350 किलोमीटर का पदबिहार कर चुके हैं
हीरापुर में सुबह 8:30 बजे आचार्य संघ की आगवानी की गई। इस अवसर पर क्षेत्रीय भाजपा विधायक हरवंश राठौर, पूर्व विधायक नारायण प्रजापति, जि
??? *बटियागढ़ में आचार्य श्री के पास लगा जेल विभाग पुलिस अधिकारियों का समागम हथकरघा कार्य के लिए
कल दिनांक 14 अप्रैल को बटियागढ़ में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के पास मध्य प्रदेश जेल विभाग के डीआईजी श्री गोपाल ताम्रकार, जेल अधीक्षक सागर श्री राकेश भांगरे, जेल अधीक्षक उज्जैन श्रीमती अलका सोनकर, जिला जेल अधीक्षक इंदौर सुश्री अदिति तिवारी, जेल अधीक्षक नरसिंहपुर श्रीमती शेफाली तिवारी, जिला जेल अधीक्षक दमोह श्री राणा की टीम ब्रह्मचारिणी रेखा दीदी DSP पूर्व एवं डॉ नीलम दी
??दीक्षा-दिवस??
आगम की पर्याय,जीवंत मूलाचार व समयसार,अद्वितीय संत शिरोमणि आचार्य भगवंत श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज के परम प्रभावक,श्रेष्ठ चर्याधारी,अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी आज्ञानुवर्ती मुनि श्री योगसागर जी महाराज का 39 वां दीक्षा दिवस नोहटा(दमोह) में मनाया जाएगा।
पूज्य आचार्य भगवन ने पूज्य योगसागर जी महाराज को 15 अप्रैल 1980, (मोराजी सागर) में मुनि दीक्षा प्रदान की थी।यह वर्ष उनके अविरल साधनामय जीवन का 39 वां दीक्षा वर्ष है।
अभी मुनि श्री योगसागर जी महाराज ससंघ का विहार पपौरा
इसके पूर्व शुक्रवार की शाम दमोह की जैन धर्मशाला से बिहार करते हुए आचार्य भगवन घंटाघर स्टेशन चौराहा तीन गुल्ली होते हुए गांधी आश्रम के समीप सागर नाका पहुचे। जहां आचार्यश्री के सानिध्य में विद्यायतन विद्या पीठ का भूमि पूजन किया गया। इस दौरान नगर के अनेक लोगों ने विद्यापीठ के लिए दान राशि की घोषणा करते हुए इसमें अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने का संकल्प लिया।
अवसर पर मौजूद हजारों की संख्या में श्रद्धालु जनों को अपने अमृत वचनों से सुरक्षित करते हुए तृप्त करते हुए आचार्य भगवन ने कहा कि विधा
पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज की अगवानी के लिए सुबह से जबलपुर रोड पहुंचे थे अनुयायी।
दमोह - संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का गुरूवार को शहर में मंगल प्रवेश हुआ तो उनकी एक झलक पाने के लिए सड़कें थम गईं। जबलपुर नाका पर इतनी भीड़ जमा हो गई कि उसे नियंत्रित करने में पुलिस को पसीना आ गया। मुठिया तिराहा से आचार्यश्री के कदम दमोह की ओर बढ़े और जबलपुर नाका से होते हुए बेलाताल मार्ग से जैन धर्मशाला पहुंचे। जैन धर्मशाला तक आचार्यश्री मंगल अगवानी के लिए सड़क के दोनों ओर हजार
निधि के संबंध में बताया गया है कि यह परिवार की बहुत लाड़ली बेटी हैं
दमोह. कहते हैं कि आचार्य विद्यासागर के दर्शन पाकर लोग इंसानी जन्म की वास्तविक समझकर लोभ, मोह से दूरियां बना लेते हैं। कई लोगों ने आचार्यश्री के दर्शन लाभ लेकर बैराग्य धारण कर लिया है और आज वह संघ में शामिल होकर समाज व विश्व शांति की ओर अग्रसर हैं। इन्हीं में जबेरा नगर की एक बेटी भी शामिल हुई है। आचार्यश्री के दर्शन लाभ पाने के बाद जबेरा नगर का गौरव बढ़ाते हुए, नगर के गल्ला व्यापारी कमल चौधरी की सुपुत्री निधि ने आजीवन सय
⛳ संत शिरोमणि आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज ससंघ का अतिशय क्षेत्र पपौरा जी में हुआ भव्य मंगल प्रवेश⛳
mangal pravesh.mp4
पूज्य आचार्यश्री जी विहार अपडेट
18 अप्रैल, अपरान्ह काल
परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का बड़ागाँव से हुआ, मंगल विहार.....!!
■ आज रात्रि विश्राम- अमरपुर (5.5 किमी)
■ कल की आहारचर्या- समर्रा ग्राम (अमरपुर से 6 किमी) सम्भावित।
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विशेष- 20 अप्रैल को प्रातःकाल 7:30 बजे पूज्य आचार्यसंघ क
तिल की ओट ,
पहाड़ छुपा ज्ञान ,
ज्ञेय से बड़ा |
हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
आओ करे हायकू स्वाध्याय
आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं।
आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं।
आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं।
लिखिए हमे आपके विचार
क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं।
सके माध्
मुनि श्री विद्यासागरजी महाराज (शिष्य समाधिस्थ आचार्य श्री सन्मति सागर जी) के मन में आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज के दर्शन की इतनी तीव्र उत्कंठा थी कि उन्होंने मंडला से डिंडोरी तक का 105 km का विहार 2 दिन में तय कर लिया।
डिंडौरी (मप्र)- सोयावीन भारत का बीज नहीं है, यह विदेशों में जानवरो को खिलाने वाला आहार है। उक्त उदगार दिगम्बर जैनाचार्य श्री विधासागर जी महाराज ने मध्यप्रदेश के वनांचल में वसे डिंडौरी नगर में एक महती धर्म सभा को सम्बोधित करते हुऐ व्यक्त किये। आचार्य श्री ने वताया कि भारत मे सोयावीन से दूध,विस्किट, तेल आदि खाद्यय उपयोगी वस्तुएं लोग खाने में उपयोग कर रहे है। सोयावीन का बीज भारत मे षणयंत्र पूर्वक भेजा गया है। इसे अमेरिका जैसे अनेक देशों में शुअर आदि जानवरों को खिलाने के लिये उत्पादित करते है।
डिंडोरी (म.प्र.)- आप लोग भिन्न भिन्न प्रकार के हार गले में पहनते हैं और यदि नकली हो तो नहीं पहनेगे।लेकिन आज नकली आभूषण भी पहने जा रहे हैं। नकली आभूषणो,फटे वस्त्रो,का प्रभाव व्यक्ति पर पङता है ज्योतिष शास्त्रों में इसका स्पष्ट उल्लेख है,यहाँ तक की जिन फटे वस्त्रो को भिखारी भी नहीं पहनता उन जींस आदि वस्त्रों को फैशन के नाम पर बच्चे पहन लेते है इसका दुष्प्रभाव देखने में आ रहा है। उक्त आशय के उदगार डिडोरी में धर्म सभा को संबोधित करते हुए संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज ने कहे।आचार्य श